Punjab Vidhan Sabha Chunav: ...जब सुखबीर बादल ने रेवड़ियाें की जगह बांट दी 'बर्फी', पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें
Punjab Vidhan Sabha Chunav लुधियाना में एक प्रोग्राम के दौरान सुखबीर ने एक स्थानीय नेता को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए ढाई साल पहले ही टिकट का आश्वासन दे डाला। हालांकि उनके इस कदम पर शिअद के नेता ही हंस रहे हैं।
लुधियाना, [भूपेंद्र सिंह भाटिया]। Punjab Vidhan Sabha Chunav: राजनीति में सब कुछ जायज है। चुनाव नजदीक आते ही कई तरह के आश्वासन दिए जाने लगते हैं। कई बार तो किसी को खुश करने के लिए सालों बाद तक का आश्वासन दे दिया जाता है। बीते दिनों लुधियाना पहुंचे अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी कुछ ऐसा ही किया। दरअसल पिछले कुछ दौरों पर उन्होंने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवार घोषित किए। इन चुनावी रेवड़ियाें से जो नेता वंचित रह गए तो उन्हें खुश करने के लिए सुखबीर ने बर्फी ही थमा दी।
हुआ यूं कि लुधियाना में एक प्रोग्राम के दौरान सुखबीर ने एक स्थानीय नेता को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए ढाई साल पहले ही टिकट का आश्वासन दे डाला। हालांकि उनके इस कदम पर शिअद के नेता ही हंस रहे हैं। इस पर पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता मुस्कुराते हुए बोले कि राजनीति में सब जायज है। इसमें कोई भी व्यक्ति नाराज नहीं रहना चाहिए।
खबर्चियों से क्यों डरने लगे नेता
खबर्ची का काम ही होता है कि किसी भी कार्यक्रम का आंखों देखा हाल लोगों तक पहुंचाना। पहले खबर्चियों को कवरेज के लिए आमंत्रित किया जाता था, लेकिन अब शायद नेताओं में कुछ खौफ हो गया है। यही कारण है कि नेता किसी भी राजनीतिक दल के हों, वह कार्यक्रम में न बुलाकर उनसे बाद में बातचीत करते हैं। पहले सुखबीर बादल आए तो उन्होंने उद्यमियों से बातचीत की। इस दौरान आयोजकों ने मीडिया को रोका। उसके बाद आम आदमी पार्टी के संयाेजक अरविंद केजरीवाल आए तो वहां भी मीडिया को जाने से रोका गया। कांग्रेस ने तो हद कर दी। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के कार्यक्रम स्थल पर एक अलग हाल में पत्रकारों को बैठाकर वहां एक टीवी लगा दिया गया। उस पर मीटिंग का लाइव प्रसारण किया गया ताकि वे वहीं से कवरेज कर लें। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि नेता अब खबर्चियों के सवालों से डरने लगे हैैं।
आखिर शिअद नेता क्यों नहीं पहुंचे?
शिरोमणि अकाली दल के वाइस प्रेसिडेंट के घर से मात्र 500 गज की दूरी पर पार्टी प्रेसिडेंट सुखबीर बादल का कार्यक्रम हो और उसमें वे शामिल न हों, ऐसा नहीं हो सकता। हालांकि सुखबीर के लुधियाना दौरे में ऐसा हुआ और इससे पार्टी नेताओं में गुटबाजी और आपसी मतभेद स्पष्ट नजर आया। सुखबीर बादल का ग्यासपुरा के प्रीच कान्वेंट स्कूल में कार्यक्रम था। उस स्थान से 500 गज दूर पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट निर्मल सिंह एसएस का घर है, लेकिन वे इस प्रोग्राम में शामिल ही नहीं हुए। दरअसल, कार्यक्रम का आयोजन सुखबीर के राजनीतिक सलाहकार चंद्रभान सिंह ने आयोजित किया था, जो इलाके से शिअद उम्मीदवार हीरा ङ्क्षसह गाबडिय़ा के करीबी हैं। गाबडिय़ा का निर्मल सिंह एसएस से छत्तीस का आंकड़ा है। ऐसे में न तो एसएस को बुलाया गया और न ही मंच पर उनके नाम की कुर्सी रखी गई। हालांकि उन्हें पल-पल की खबर मिल रही थी।
चुनावी माहौल में बढ़ी नेताओं की सक्रियता
चुनावी माहौल जैसे-जैसे जोर पकड़ रहा है, टिकट पा चुके या फिर टिकट के इंतजार में बैठे राजनेता जनता के बीच जाने का कोई मौका नहीं छोडऩा चाहते। टिकट पा चुके नेताओं का मंतव्य होता है कि जनता के करीब जाकर पकड़ बनाएं, जबकि टिकट का इंतजार कर रहे नेता अपनी सक्रियता साबित करते हुए पार्टी को दिखाना चाहते हैं कि वे कितने लोकप्रिय हैं। यही कारण है कि नवरात्र में आयोजित हुए कार्यक्रमों में तो हर पार्टी के नेता शामिल होते दिखे। इस दौरान उन्होंने खुद को जनता का सेवक बताते हुए आगामी चुनाव में समर्थन मांगते दिखे। कहीं आम आदमी पार्टी की नेता तेजी संधू धार्मिक कार्यक्रमों में पहुंचीं तो कहीं कांग्रेस की सतविंदर कौर बिट्टी लोगों को संबोधित करती दिखीं। यही हाल पूर्व मंत्री हीरा सिंह गाबडिय़ा का है, जो हर कार्यक्रम में पहुंच रहे हैं। ये जरूरी भी है, क्योंकि आखिर ये वोट का मामला है।