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अब फसलों को पशु-पक्षियों से बचाएगा जुगाड़ यंत्र, सिर्फ चार सौ रुपये में होगा तैयार Ludhiana News

कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए यंत्र का ट्रायल शुरू कर दिया है। ट्रायल की सफलता के बाद किसानों को इस यंत्र का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

By Edited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 07:51 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 11:18 AM (IST)
अब फसलों को पशु-पक्षियों से बचाएगा जुगाड़ यंत्र, सिर्फ चार सौ रुपये में होगा तैयार Ludhiana News
अब फसलों को पशु-पक्षियों से बचाएगा जुगाड़ यंत्र, सिर्फ चार सौ रुपये में होगा तैयार Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। सूबे में पशु और जानवर फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। फसलों को बेसहारा पशुओं से बचाने के लिए कृषि विभाग ने जुगाड़ से नया यंत्र तैयार किया है। इस यंत्र की लाइट और साउंड के चलते पशु-पक्षी फसलों से दूर रहेंगे। इससे मक्की, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों को जानवरों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा। कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए इसका ट्रायल शुरू कर दिया है। किसानों को इसका डेमो दिया जा रहा है। ट्रायल की सफलता के बाद किसानों को इस यंत्र का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस यंत्र की अंदाजन लागत करीब चार सौ रुपये है।

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बता दें कि मक्की की फसल को पशु-पक्षी और जानवर नुकसान पहुंचाते हैं। चीफ एग्रीकल्चर अफसर डॉ. बलदेव सिंह के अनुसार मक्की की 10 से 15 फीसद फसल पशुओं और पक्षियों के चलते नष्ट हो जाती है। इसी तरह अन्य फसलों को भी पशु नुकसान पहुंचाते हैं। इसे लेकर किसान काफी चिंतित थे। डॉ. बलदेव सिंह ने कहा कि इस यंत्र का आइडिया राजस्थान से लाया गया। टेस्टिंग के लिए शुरुआत में इसके पांच पीस ही तैयार कराए गए हैं। इससे पहले किसान पशु-पक्षियों से बचने के लिए खेतों में पुतले टांगते थे, लेकिन उससे फायदा नहीं हो रहा था। ऐसे बनाया जुगाड़ यंत्र इस जुगाड़ यंत्र में एक टीन का पीपा, एक बैटरी, एक रॉड, एक स्टील की प्लेट और दो छोटी संगली लगाई गई हैं।

टीन के पीपे को दोनों तरफ से खोल कर इसमें बैटरी फिट की जाती है और इसे टांगने के लिए रॉड फिट की जाती है। इसे खेत में फसल के उपर रॉड के सहारे फिट किया जाता है। यह हवा के साथ घूमता है और इसमें रात को बैटरी चलाई जाती है। इसके साथ ही संगलियां घूम कर आवाज करती हैं। इससे पशु और पक्षी खेत में नहीं आते। यह यंत्र रात के वक्त भी काफी कारगर है और रात को भी जानवर फसल का नुकसान नहीं कर पाएंगे। 


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