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सिद्धू के बाद सांसद बिट्टू के पास पहुंचे पंजाब कांग्रेस प्रभारी रावत, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें

हरीश रावत अचानक नई दिल्ली में धरने पर बैठे सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के पास पहुंच गए और काफी देर तक गुफ्तगू की। अब इससे कांग्रेसियों में हलचल मच गई। कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू की कैबिनेट वापसी में कोई अड़ंगा न पड़े।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 09:30 AM (IST)
सिद्धू के बाद सांसद बिट्टू के पास पहुंचे पंजाब कांग्रेस प्रभारी रावत, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें
हरीश रावत धरने पर बैठे सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के पास पहुंचे।

लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जब से पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी बने हैं, तब से वे कांग्रेस नेताओं के बीच दूरियां पाटने में ही जुटे हैं। रावत पद संभालते ही सबसे पहले कांग्रेस के स्टार कैंपेनर व नाराज नवजोत सिंह सिद्धू को पटाने में लगे। उन्होंने नवजोत सिद्धू की वापसी की सभी गोटियां भी फिट कर लीं, लेकिन अब भी प्रदेश कैबिनेट में सिद्धू की जगह नहीं बन पाई है।

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हालांकि यह सारी प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में हरीश रावत अचानक नई दिल्ली में धरने पर बैठे सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के पास पहुंच गए और काफी देर तक गुफ्तगू की। अब इससे कांग्रेसियों में हलचल मच गई। कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू की कैबिनेट वापसी में कोई अड़ंगा न पड़े, इसके लिए रावत पहले ही बिट्टू को मनाने पहुंच गए हैं। कारण, बिट्टू पहले ही सिद्धू के खिलाफ खुलकर विरोध जता चुके हैं।

अचानक बढ़ गया राजनेताओं का खेल प्रेम
प्रदेश में खेलों के प्रति लोगों का झुकाव घटता जा रहा है। सरकार की बेरुखी के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने से युवा खेलों से विमुख हो रहे हैं। इन सबके बीच प्रदेश के राजनेताओं का खेल प्रेम अचानक बढ़ गया है। हालांकि कुछ स्थानों पर उनका विरोध उनकी प्रतिष्ठा पर भी आंच ला रहा है। अब एक खेल एसोसिएशन में दो गुटों में लंबी लड़ाई चल रही थी। एक गुट ने चुनाव करवाए और मंत्री साहब को निर्विरोध प्रेसिडेंट चुन लिया गया।

हालांकि खेल प्रेमियों को उम्मीद थी कि इससे खेलों को लाभ मिलेगा, लेकिन अगले दिन ही दूसरे गुट ने हाई कोर्ट में रिट लगा दी। यही हाल जिला क्रिकेट एसोसिएशन में देखने को मिला। यहां भी लंबे समय से काबिज गुट को अदालत में मात देकर दूसरे गुट ने नई कमेटी का गठन कर लिया। इसमें भी चर्चा है कि कुछ नेता आगे आकर कब्जा करने की जुगत में हैं।

गुरुद्वारे में पार्किंग की तो खैर नहीं
घनी आबादी वाले पुराने बाजार में इन दिनों पार्किंग की काफी समस्या है। एक ओर जहां मौजूदा पार्किंग में ठेकेदार के कारिंदे मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं, वहीं सड़कों पर वाहन खड़ा करने पर पुलिस क्रेन से उठा लेती है। बीते दिनों से कुछ लोगों ने चौड़ा बाजार स्थित गुरुद्वारा अकालगढ़ मार्केट की पार्किंग में वाहन खड़े करने शुरू कर दिए हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग पास स्थित गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब की पार्किंग में कार खड़ी करके पैदल शाङ्क्षपग करने चले जाते थे।

ये वाहन घंटों खड़े रहते और श्रद्धालुओं को वाहन खड़ा करने को जगह नहीं मिलती थी। अब गुरुद्वारा साहिब की कमेटी ने पार्किंग में वाकी-टाकी के साथ सेवादार तैनात कर दिए हैं, जो वाहनों पर नजर रखते हैं। यदि कोई वाहन खड़ा करके बाजार की ओर निकलता है, तो सेवादार उसे रोककर वाहन बाहर ले जाने को कह देते हैं। यानी अब वहां कार पार्किंग की तो खैर नहीं।

बिना मास्क जागरूक करने पहुंच गई पुलिस

कोरोना काल समाप्त नहीं हुआ है। इसके बावजूद कोविड नियमों का पालन करने के बजाय लोग लापरवाही कर रहे हैं। यही कारण है कि संक्रमितों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही। अब तो इन नियमों का पालन करने वाली पुलिस भी कई स्थानों पर बिना मास्क के नजर आती है, जबकि बिना मास्क वालों के खिलाफ एक हजार रुपये तक का जुर्माना लगता है। बीते दिनों पुलिस ने माछीवाड़ा में नशा छुड़ाओ कैंप का आयोजन कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया।

इसके लिए बकायदा टेंट आदि भी लगाया गया और वहां आने वालों की चाय-पानी की सेवा भी की गई। विडंबना यह थी कि वहां पर लोगों को जागरूक करने वाली पुलिस और उपस्थित लोगों में से एक-दो को छोड़कर किसी ने मास्क ही नहीं पहना। जिसने मास्क पहना, वह भी नाक से नीचे सरका कर बैठे थे। ऐसे में वे लोगों को क्या जागरूक करते।

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