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पार्किंग कांट्रेक्टर से विवाद पड़ा भारी, फिरोज गांधी मार्केट पार्किंग से लुधियाना नगर निगम को 71 लाख का घाटा

निगम कर्मी एक साल में फिराेज गांधी मार्केट की पार्किंग से 30.66 लाख रुपये जुटा पाए जिसमें से 21.60 लाख रुपये निगम कर्मियों के वेतन पर ही खर्च हो गए। इस तरह निगम एक साल में सिर्फ 9 .06 लाख रुपये ही लाभ मिला।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 03:28 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 03:28 PM (IST)
पार्किंग कांट्रेक्टर से विवाद पड़ा भारी, फिरोज गांधी मार्केट पार्किंग से लुधियाना नगर निगम को 71 लाख का घाटा
लुधियाना की फिरोज गांधी मार्केट की पार्किंग से नगर निगम काे घाटा। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, [राजेश भट्ट]। शहर की फिरोज गांधी मार्केट की पार्किंग से नगर निगम पिछले सालों 80 लाख रुपये के करीब कमाई करता रहा। पिछले साल भी निगम ने 80 लाख रुपये में पार्किंग कांट्रेक्ट एक निजी कंपनी को दिया। कंपनी के साथ विवाद होने के कारण निगम ने कांट्रेक्ट रद कर दिया और पार्किंग का संचालन अपने हाथ में ले लिया।

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निगम को लगा कि इससे मोटी कमाई होगी। लेकिन निगम का अनुमान गलत निकला और इससे निगम को एक साल में 71 लाख रुपये का चूना लग गया। निगम कर्मी एक साल में फिराेज गांधी मार्केट की पार्किंग से 30.66 लाख रुपये जुटा पाए जिसमें से 21.60 लाख रुपये निगम कर्मियों के वेतन पर ही खर्च हो गए। इस तरह निगम एक साल में सिर्फ 9 .06 लाख रुपये ही लाभ मिला। हालांकि पार्किंग कांट्रेक्टर से निगम को हर साल 80 लाख रुपये मिल जाते थे। नगर निगम अब फिर से फिरोज गांधी मार्केट पार्किंग को ठेके पर देने की कवायद में जुट गया है। निगम इसी सप्ताह निगम फिर से पार्किंग के लिए टेंडर जारी कर रहा है।

नगर निगम ने पिछले साल फिरोज गांधी मार्केट का रिजर्व प्राइस 80 लाख रुपये से ज्यादा कर दिया था और कांट्रेक्टर ने इसे ले भी लिया था, लेकिन ओवर चार्जिंग के आरोप में नगर निगम ने उसका कांट्रेक्ट रद कर दिया। उसके बाद दूसरी कंपनी ने भी इसे इसी रेट पर खरीदा लेकिन कंपनी ने काम शुरू नहीं किया। इसलिए एक साल से नगर निगम खुद ही इस पार्किंग को चला रहा है।

निगम प्रति सप्ताह इस पार्किंग से औसतन 60 हजार रुपये एकत्रित कर रहा है जबकि कंपनी प्रति सप्ताह नगर निगम को 1.55 लाख रुपये निगम को देती थी। नगर निगम ने पार्किंग संचालन के लिए 12 कर्मचारी भी नियुक्त किए हैं। जिनका एक सप्ताह का वेतन ही 42 हजार रुपये से ज्यादा बन जाता है।

मार्केट में छह पार्किंग स्लाट

फिरोजगांधी मार्केट में छह पार्किंग स्लाट हैं। जहां रोजाना औसतन 2000 से 2200 दोपहिया और चार पहिया वाहन पार्क होते हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर जब कांट्रेक्टर निगम को 80 लाख रुपये साल का देता है तो निगम कर्मी इतनी वसूली क्यों नहीं कर पा रहे? नगर निगम कर्मी और कांट्रेक्टर वाहनों से उतनी ही पार्किंग फीस वसूलते हैं। जिससे निगम की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए जा रहे? हैं।

आंकड़ाें पर नजर

कांट्रेक्टर से सालाना शुद्ध आय- 80 लाख रुपये

प्रतिदिन कमाई - 22222.20 रुपये

निगम कर्मियों की तरफ से एकत्रित कुल पार्किंग फीस- 30.66 लाख

पार्किंग संचालन पर निगम का सालाना खर्च - 21.60 लाख रुपये

निगम को नेट आय- 9.06 लाख रुपये

कमाई में कुल कमी- 71 लाख रुपये

जल्दी ही हम शहर की सभी पार्किंगाें के टेंडर जारी कर रहे हैं। उसके बाद इसे कंपनी को ही दिया जाएगा। दरअसल फिरोज गांधी मार्केट में पार्किंग फीस वसूलने के लिए काफी स्टाफ की जरूरत होती है।-शाम सुंदर मल्होत्रा, सीनियर डिप्टी मेयर लुधियाना


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