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African Swin Fever: फरीदकाेट में अफ्रीकन स्वाइन से पीड़ित 51 सूअरों को मारा, पशुपालकों को सरकार देगी मुआवजा

African Swin Fever फरीदकोट में आरा मार्किट के साथ बसे कालोनी में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि के बाद हड़कंप मच गया है। अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस परिवार में एक बड़ा डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है। यह अफ्रीकी स्वाइन बुखार का प्रेरक एजेंट है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sat, 10 Sep 2022 06:23 PM (IST)Updated: Sat, 10 Sep 2022 06:23 PM (IST)
African Swin Fever: फरीदकाेट में अफ्रीकन स्वाइन से पीड़ित 51 सूअरों को मारा, पशुपालकों को सरकार देगी मुआवजा
African Swin Fever: अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस परिवार में एक बड़ा, डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है।

एलेक्स डिसूजा, फरीदकोट। African Swin Fever: पंजाब में सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की दस्तक से हड़कंप मच गया है, जहां आम लोग इसे लेकर चिंतित हैं, वहीं पंजाब सरकार ने इस बीमारी को लेकर कई एडवाइजरी जारी की हैं। इतना ही नहीं अब सूअरों के इस बीमारी से संक्रमित होने पर उनकी किलिंग यानी उन्हें मारने पर मुआवजे का ऐलान भी किया है। जिले में शनिवार काे 51 सूअराें काे मार दिया गया।

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पशु, मछली पालन व डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा है कि राज्य के सूअर पालकों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पंजाब सरकार सूअर किलिंग के लिए उन्हें बनता मुआवजा देगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुश्किल घड़ी में सूअर पालकों के साथ खड़ी है।

बीमारी के केंद्र से एक किलोमीटर के दायरे में सूअरों की किलिंग जरूरी

फरीदकोट में आरा मार्किट के साथ बसे कालोनी में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है, और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक बीमारी के केंद्र से एक किलोमीटर के दायरे में सूअरों की किलिंग जरूरी है, नहीं तो यह बीमारी भयानक रूप धारण कर सकती है। वैटनरी विभाग फरीदकोट डिप्टी डायरेक्टर डा. संदीप गुप्ता ने बताया कि इस बीमारी की मृत्यु दर 100 प्रतिशत तक हो सकती है और एक बार सूअर के प्रभावित होने पर कुछ दिनों में ही उसकी मौत हो जाती है। केंद्र सरकार की नीति के मुताबिक सिर्फ विभाग द्वारा की गई किलिंग के लिए मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने सूअर पालकों से अपील की कि वे विभाग को सहयोग दें, ताकि बीमारी के फैलाव को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसके इलावा नीति के अंतर्गत प्रभावित क्षेत्र में सूअरों की नष्ट की गई खुराक का मुआवजा भी सूअर पालकों को दिया जाएगा। उन्होंने विशेष तौर पर कहा कि अफ्रीकन स्वाईन फीवर पशुओं से मनुष्य में नहीं फैलता।

वेटरिनरी अधिकारियों को फरीदकोट में किया तैनात

उन्होंने बताया कि इस संक्रमण की बीमारी अफ्रीकन स्वाइन फीवर को और फैलने से रोकने, आगामी एहतियात व अपेक्षित सहायता के लिए वेटरिनरी अधिकारियों को जिला फरीदकोट में तैनात किया गया है, जोकि अपनी टीम के साथ कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया कि आरा मार्किट के साथ लगती प्रभावित कालोनी में शनिवार काे 51 सूअरों को मार नमक व शोरा डाल कर दफना दिया गया। इसके बाद 9 किलोमीटर के दायरे में जहां कही भी कोई सूअर अफ्रीकन स्वाइन फीवर से प्रभावित दिखाई दिया तो उसे भी मार कर दफना दिया जाएगा।

क्या है अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस

अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस परिवार में एक बड़ा, डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है। यह अफ्रीकी स्वाइन बुखार का प्रेरक एजेंट है। घरेलू सूअरों में उच्च मृत्यु दर के साथ वायरस रक्तस्रावी बुखार का कारण बनता है, कुछ आइसोलेट्स संक्रमण के एक हफ्ते बाद ही जानवरों की मौत का कारण बन सकते हैं। यह अपने प्राकृतिक मेजबानों, वार्थोग्स, बुशपिग्स व जीनस आर्निथोडोरोस के साफ्ट टिक्स को लगातार संक्रमित करता है, जो बिना किसी बीमारी के संकेत के वेक्टर के रूप में कार्य करते हैं। यह मनुष्यों में बीमारी का कारण नहीं बनता है।


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