आप के जिला प्रधान दलजीत भोला ने दिया पार्टी से इस्तीफा
आप के जिला प्रधान दलजीत सिंह भोला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। भोला ने बताया कि आप की गलत नीतियों से परेशान होकर ही उन्होंने पार्टी छोड़ी है।
By Edited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 05:30 AM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 05:30 AM (IST)
जासं, लुधियाना। लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं-वर्करों का पार्टी बदलने का ट्रेंड अब आम हो गया है। शुक्रवार को आम आदमी पार्टी को झटका लगा। आप के जिला प्रधान दलजीत सिंह भोला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। भोला ने बताया कि आप की गलत नीतियों से परेशान होकर ही उन्होंने पार्टी छोड़ी है। भोला के इस्तीफे के बाद उनके शिरोमणि अकाली दल में जाने की भी चर्चा है। सूत्रों की मानें तो भोला काफी समय से शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल के संपर्क में चल रहे हैं। भोला ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर दो विधानसभा चुनाव भी लड़े हैं। 2012 विधानसभा चुनाव में भोला को साढ़े 22 हजार और 2017 में साढ़े 41 हजार के करीब वोटें पड़ी थी। इसके बाद से भोला पर शिअद समेत अन्य पार्टियों की नजर गढ़ी हुई थी।
भोला तीन बार जीत चुके हैं पार्षद चुनाव
दलजीत भोला ने 2007 में राजनीति में कदम रखा था। तब 2007 में भोला ने नगर निगम में आजाद पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसके बाद 2012 में दोबारा भोला ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर निगम चुनाव लड़ा और फिर जीत हासिल की। 2018 में भोला का वार्ड महिला सीट के लिए रिजर्व हो गया। भोला ने अपनी पत्नी बलविंदर कौर को आप की टिकट पर निगम चुनाव में उतारा। तब आम आदमी पार्टी की सिर्फ बलविंदर कौर ने ही जीत हासिल की। इसके बाद भोला का कद ओर ज्यादा बढ़ गया।
टीम इंसाफ बनाने में भोला का था अहम योगदान
लोक इंसाफ पार्टी के संयोजक एवं विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने शिअद से अलग होकर सबसे पहले टीम इंसाफ बनाई थी। टीम इंसाफ बनाते समय दलजीत भोला का अहम योगदान था। पिछली शिअद-भाजपा गठबंधन सरकार में भोला ने बैंस के साथ मिलकर रेत माफिया के खिलाफ मुहिम शुरू की थी। इसमें भोला के खिलाफ मामले भी दर्ज हुए थे और बैंस के साथ जेल भी जाना पड़ा था। इसके बाद भोला की बैंस के साथ तकरार हो गई और भोला टीम इंसाफ को छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।
सोशल मीडिया भोला के इस्तीफे पर कमेंट्स
आप से जैसे ही दलजीत भोला ने इस्तीफा दिया तो सोशल मीडिया पर एक अलग से चर्चा शुरू हो गई। कई लोगों ने कहा कि आप का आधार पंजाब में खत्म हो चुका है और तेजी से आप के नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना था कि भोला ने विधानसभा पूर्वी में खुद का काफी आधार खड़ा किया है और उन्हें एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उधर, कुछ लोगों ने कमेंट्स किए कि लोकसभा चुनाव में कई राजनीतिक पार्टियों को तेजी से झटके लग रहे हैं।
भोला तीन बार जीत चुके हैं पार्षद चुनाव
दलजीत भोला ने 2007 में राजनीति में कदम रखा था। तब 2007 में भोला ने नगर निगम में आजाद पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसके बाद 2012 में दोबारा भोला ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर निगम चुनाव लड़ा और फिर जीत हासिल की। 2018 में भोला का वार्ड महिला सीट के लिए रिजर्व हो गया। भोला ने अपनी पत्नी बलविंदर कौर को आप की टिकट पर निगम चुनाव में उतारा। तब आम आदमी पार्टी की सिर्फ बलविंदर कौर ने ही जीत हासिल की। इसके बाद भोला का कद ओर ज्यादा बढ़ गया।
टीम इंसाफ बनाने में भोला का था अहम योगदान
लोक इंसाफ पार्टी के संयोजक एवं विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने शिअद से अलग होकर सबसे पहले टीम इंसाफ बनाई थी। टीम इंसाफ बनाते समय दलजीत भोला का अहम योगदान था। पिछली शिअद-भाजपा गठबंधन सरकार में भोला ने बैंस के साथ मिलकर रेत माफिया के खिलाफ मुहिम शुरू की थी। इसमें भोला के खिलाफ मामले भी दर्ज हुए थे और बैंस के साथ जेल भी जाना पड़ा था। इसके बाद भोला की बैंस के साथ तकरार हो गई और भोला टीम इंसाफ को छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।
सोशल मीडिया भोला के इस्तीफे पर कमेंट्स
आप से जैसे ही दलजीत भोला ने इस्तीफा दिया तो सोशल मीडिया पर एक अलग से चर्चा शुरू हो गई। कई लोगों ने कहा कि आप का आधार पंजाब में खत्म हो चुका है और तेजी से आप के नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना था कि भोला ने विधानसभा पूर्वी में खुद का काफी आधार खड़ा किया है और उन्हें एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उधर, कुछ लोगों ने कमेंट्स किए कि लोकसभा चुनाव में कई राजनीतिक पार्टियों को तेजी से झटके लग रहे हैं।
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