LokSabha Election : रायकोट के विधायक जग्गा के पीए को आप ने बना दिया लुधियाना का उम्मीदवार
राजनीति में कुछ भी संभव है। यदि चाय वाला प्रधानमंत्री बन सकता है तो विधायक का पीए भी लोकसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बन सकता है।
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। राजनीति में कुछ भी संभव है। यदि चाय वाला प्रधानमंत्री बन सकता है तो विधायक का पीए भी लोकसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बन सकता है। ऐसा हुआ है लुधियाना लोकसभा सीट में, जहां आम आदमी पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद विधायक के पीए रहे शख्स को टिकट दे दी। लुधियाना से आप उम्मीदवार प्रो. तेजपाल सिंह गिल लंबे समय से आप के साथ जुड़े हैं और वह रायकोट के विधायक जगतार सिंह जग्गा के पीए की भूमिका बखूबी निभा रहे थे। उन्होंने उस दौरान पार्टी को ऊंचाइयों पर ले जाने में भी योगदान किया। पिछले दिनों विधायक जग्गा पार्टी छोड़कर खैहरा के साथ हो गए थे, जबकि प्रो. गिल पार्टी से ही जुड़े रहे। पिछले कई दिनों से आप के शीर्ष नेता लुधियाना के उम्मीदवार का फैसला करने के लिए मंथन करते रहे।
पहले सुरेश गोयल सीए का नाम सामने आया, फिर आप की यूथ विंग (लुधियाना जिला) के प्रधान अमरिंदर सिंह जस्सोवाल का नाम सामने आया। बताया जाता है कि सुरेश गोयल ने कुछ कारणों से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया, जबकि जस्सोवाल पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। इतना ही नहीं, पार्टी के जिला प्रधान दलजीत सिंह भोला और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता दर्शन सिंह शंकर के अलविदा कहने से पार्टी को अधर में ला खड़ा किया। ऐसे में पार्टी की उम्मीदवार को लेकर समस्याएं बढ़ गई। इसके बाद जब पार्टी ने ऐसे शख्स के नाम पर हरी झंडी दे दी, जिन्होंने टिकट के लिए आवेदन भी नहीं किया था।
गिल के नाम की घोषणा पर राजनीतिक पंडित आश्चर्यचकित
हालांकि प्रोफेसर गिल के नाम की घोषणा पर तमाम राजनीतिक पंडित भी आश्चर्यचकित रह गए। नेशनल कॉलेज नारंगवाल में बतौर प्रोफेसर असिस्टेंट कार्यरत प्रो. गिल अच्छे प्रवक्ता होने के साथ पार्टी की गतिविधियों को संचालित करने में भी माहिर हैं, लेकिन जब जिला आप के तमाम बड़े नेता पार्टी छोड़कर चले गए हैं, ऐसे में उन्हें अलग-थलग पड़ी पार्टी में नए सिरे से पार्टी कैडर को तैयार करना होगा। पार्टी बदलने वाले नेताओं से शीर्ष नेता परेशान चुनावी माहौल में एक-पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने वाले नेताओं से पुराने नेता से लेकर विधायक तक परेशान हैं। उन्हें यह डर सताने लगा है कि आने वाले समय में वह उनके लिए भी मुसीबत बन सकते हैं। हाल ही में एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हुए एक कद्दावर नेता से विधायक परेशान हो गए हैं। चूंकि वह विधायक के क्षेत्र में ही बड़ा आधार रखते हैं, ऐसे में उन्हें यह चिंता हो गई है कि भविष्य में वह उनके लिए ही समस्या न बन जाएं।