Corona Effect : लुधियाना में अब तक काेराेना संक्रमित 96 गर्भवतियों की डिलीवरी, वायरस की चपेट में नहीं आए शिशु
सिविल सर्जन ने यह भी बताया कि सिविल अस्पताल में 55 महिलाओं के प्रसव सिजेरियन हुए जबकि 41 के नार्मल डिलीवरी हुई। उन्होंने कहा कि हमारे सरकारी अस्पताल के स्टाफ ने कोरोना संक्रमित महिलाओं का बहुत ध्यान से इलाज किया।
लुधियाना, जेएनएन। जिले में काफी संख्या में गर्भवती महिलाएं कोरोना वायरस की चपेट में आई है। राहत की बात है कि गर्भवतियों के संक्रमण की चपेट में आने के बाद भी उनके गर्भ में पल रहे शिशु संक्रमित नहीं हुए। सेहत विभाग ने कोरोना काल में 9800 गर्भवतियों के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में कोरोना टेस्ट किए। इनमें से 179 गर्भवतियां संक्रमित पाई गईं।
इसमें से 96 के प्रसव सिविल अस्पताल के कोविड आइसोलेशन सेंटर में बनाए गए लेबर रूम में किए गए। यहां कोरोना मरीजों के लिए अलग-अलग लेबर रूम व ओटी बनाए गए हैं। सिविल सर्जन डा. राजेश बग्गा ने बताया कि जितनी भी संक्रमित गर्भवतियों के प्रसव हुए, उनके शिशु संक्रमित नहीं थे। वह स्वस्थ हैं।
सिविल सर्जन ने यह भी बताया कि सिविल अस्पताल में 55 महिलाओं के प्रसव सिजेरियन हुए, जबकि 41 के नार्मल डिलीवरी हुई। उन्होंने कहा कि हमारे सरकारी अस्पताल के स्टाफ ने कोरोना संक्रमित महिलाओं का बहुत ध्यान से इलाज किया। इसी कारण मदर एंड चाइल्ड अस्पताल सेवाएं प्रदान करने में लुधियाना जिला पंजाब में पहले नंबर पर है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की शुरुआत में जब बहुत सारे निजी अस्पतालों ने कोरोना की वजह से मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया था, तब उनके सरकारी अस्पताल के डाक्टरों और स्टाफ ने आगे आकर मरीजों की जिंदगी बचाई।