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सुधरने वाली है सरकारी स्कूलों की दशा, जल्द स्मार्ट बन जाएंगे सिटी के 8 स्कूल

प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलते ही स्मार्ट सिटी के ज्यादातर सरकारी स्कूल भी स्मार्ट हो जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 10:42 AM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 10:42 AM (IST)
सुधरने वाली है सरकारी स्कूलों की दशा, जल्द स्मार्ट बन जाएंगे सिटी के 8 स्कूल
सुधरने वाली है सरकारी स्कूलों की दशा, जल्द स्मार्ट बन जाएंगे सिटी के 8 स्कूल

राजेश भट्ट, लुधियाना : शहर के सरकारी स्कूलों की दशा अब सुधरने वाली है। एक तरफ शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में तब्दील करने में जुटा है, वहीं अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत भी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलते ही स्मार्ट सिटी के ज्यादातर सरकारी स्कूल भी स्मार्ट हो जाएंगे। लुधियाना स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने शहर के सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर दिया है जिसे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने अप्रूवल दे दी है। इस प्रस्ताव को अब केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा। अप्रूवल मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा।

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शिक्षा विभाग की तरफ से शहर में 8 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में तब्दील किया जा रहा है। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत भी शहर के स्कूलों को स्मार्ट बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने इस प्रोजेक्ट के लिए 35 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। इसके लिए स्मार्ट सिटी की टीम ने शहर में सर्वे कर लिया है। स्मार्ट सिटी के सीईओ संयम अग्रवाल ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सामने इस प्रोजेक्ट को रखा है जिसे डायरेक्टर्स ने अप्रूव कर दिया।

35 करोड़ में हो सकते हैं 150 स्कूल स्मार्ट

स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने जो फंड रखा है उससे शहर के सभी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल स्मार्ट स्कूल में तब्दील हो सकते हैं। लुधियाना नगर निगम के क्षेत्र में 150 से अधिक सरकारी स्कूल हैं। इसमें से 8 स्कूल शिक्षा विभाग स्मार्ट बना रहा है। विभाग ने सरकारी स्मार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल पीएयू में जो स्मार्ट विंग बनाया है, उस पर करीब 20 लाख रुपये का खर्च आया है। ऐसे में अगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इसी खर्च को बेस मानकर स्कूलों को स्मार्ट किया जाता है तो शहर के 175 स्कूल स्मार्ट बन सकते हैं जबकि शहर में इतने सरकारी स्कूल हैं भी नहीं। स्मार्ट स्कूल का खर्च

अगर सरकारी स्कूल में सात कमरों को स्मार्ट बनाना है तो इसके लिए प्रत्येक कमरे में 60 हजार रुपये के उपकरण लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा 60 हजार रुपये प्रति कमरा डेकोरेशन का खर्च है। 2 लाख रुपये स्कूल की मरम्मत पर और 2 लाख रुपये स्मार्ट विंग की पेंटिंग का खर्च आएगा। 5.5 लाख रुपये 10 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया जाना है। लैंड स्केपिंग पर भी खर्च किया जाना है। इस तरह लगभग 20 लाख रुपये प्रति स्कूल खर्च आ रहा है।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में स्मार्ट स्कूल तैयार करने का प्रावधान भी है। इसके लिए हमने शहर के 144 स्कूलों को चुना है। यह प्रस्ताव स्मार्ट सिटी की प्रपोजल में शामिल कर दिया गया है। अब इसे अप्रूवल के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। अप्रूवल मिलने के बाद आगे का काम शुरू कर दिया जाएगा।

-संयम अग्रवाल, सीईओ लुधियाना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट


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