Powercom के 14727 डिफॉल्टरों में 51 सरकारी विभाग, 2.14 अरब रुपये बकाया Ludhiana News
रिकवरी के लिए थानों को बनाया गया है क्योंकि थानों की तरफ विभाग का 7.22 करोड़ रुपये बकाया है जबकि सरकारी अस्पतालों से भी 6.2 करोड़ रुपये वसूलने हैं।
लुधियाना [राजन कैंथ]। पावरकॉम ने आर्थिक संकट से निकलने के लिए करोड़ों रुपये दबाए बैठे सरकारी विभागों व आम लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। केंद्रीय जोन लुधियाना में 51 सरकारी विभागों के अलावा इंडस्ट्री कॉमर्शियल और घरेलू उपभोक्ताओं के 2.14 अरब रुपये बकाया हैं, जिसकी रिकवरी के लिए सभी डिफाल्टर विभागों के कनेक्शन काटने शुरू कर दिए गए हैं। सबसे पहला निशाना थानों को बनाया गया है क्योंकि थानों की तरफ विभाग का 7.22 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि सरकारी अस्पतालों से भी 6.2 करोड़ रुपये वसूलने हैं। पब्लिक हेल्थ, जिसमें वाटर सप्लाई भी आता है उनसे भी 64 करोड़ रुपये और ग्रामीण विकास से 3.39 करोड़ रुपये वसूले जाने हैं। डिफॉल्टरों की संख्या 14727 है।
विभाग ने मंगलवार से सभी डिफाल्टरों के कनेक्शन काटने शुरू कर दिए हैं। 13 दिसंबर तक उन सभी संस्थानों के कनेक्शन काट दिए जाएंगे, जिनकी तरफ 25 लाख या फिर उससे ज्यादा की रकम बकाया है। 29 दिसंबर तक अन्य सभी डिफॉल्टरों के कनेक्शन काट दिए जाएंगे। फिलहाल अस्पतालों, कॉलेज और स्कूलों के कनेक्शन काटने पर रोक लगाई गई है।
अंधेरे में डूबे थाने, बुधवार को काटी थी डिवीजन दो की बिजली
बुधवार को पावरकॉम ने सालों से बिजली का बिल न चुकाने वाले थाना डिवीजन दो व कोतवाली की बिजली काटी थी। वीरवार को जिले में एक दर्जन के करीब पुलिस थाने अंधेरे में डूब गए।
रेलवे ने मांगा समय
कृषि, पशुपालन, वाटर एंड सेनिटेशन, पुलिस एवं जेल, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग व स्थानीय निकाय भी डिफाल्टरों की सूची में शामिल हैं। अकेले सेंट्रल जोन का ही करीब 97 करोड़ रुपये बकाया है। जरूरी सेवाओं से संबंधित वाटर एंड सेनिटेशन, हेल्थ, स्कूल को अभी रियायत दी जा रही है। चार जोन ईस्ट, वेस्ट, सब अर्बन के अलावा, खन्ना सर्कल को भी जोड़ा जाए तो कुल 214.25 करोड़ का बकाया है, जबकि रेलवे का तीन करोड़ रुपये बकाया है, जिन्होंने कुछ समय मांगा है।
कब-कब किसका कटेगा कनेक्शन
- 13 दिसंबर तक 25 लाख से अधिक बकाया वालों का
- 13 से 20 दिसंबर तक ढाई लाख से 25 लाख बकाया वालों का
- 20 से 29 दिसंबर तक 40 हजार तक बकाया वालों का
जिला प्रशासन भी डिफाल्टरों की लिस्ट में
जिला प्रशासन के पास बिजली की अपनी पैदावार है, जिसे वो सोलर सिस्टम से बना रहा है। उसके बावजूद वो पावरकॉम की डिफाल्टर लिस्ट में शामिल है। अगर सोलर सिस्टम न होता तो शायद उनकी बकाया रकम कहीं और ज्यादा होती। जिला प्रशासन की और पावरकॉम का 1.69 करोड़, जबकि उससे जुड़े रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायत की ओर 3.39 करोड़ और आपदा प्रबंधन की ओर 3.01 करोड़ रुपये बकाया है।
पुलिस विभाग के कुछ थानों के कनेक्शन काट दिए गए हैं। हम विभागों को पहले चेतावनी दे रहे हैं। यदि विभाग अंडरटेकिंग देकर कुछ समय मांगता है, तो दिया जाता है। नहीं तो, उसका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। फिर भी अदायगी नहीं करता तो प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर पर कार्रवाई होगी, जिसके लिए बकायदा विभाग की वेबसाइट पर जानकारी दी गई है।
-डीपीएस ग्रेवाल, चीफ इंजीनियर, सेंट्रल जोन।
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