ग्राहकों की जेब पर 'कोरोना की कैंची'
कोरोना काल में ग्राहकों की जेब पर अनचाही महंगाई भी कैंची चला रही है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : कोरोना काल में ग्राहकों की जेब पर अनचाही महंगाई भी कैंची चला रही है। रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें तो बढ़ी ही हैं, साथ ही सेवा मूल्यों में भी तीस से लेकर 50 फीसद तक इजाफा हो गया है। यह तेजी साधारण मजदूरी को छोड़ तकनीकी सेवा की श्रेणी में आई है। इसके अलावा कई कारोबारी पहले मुफ्त में सामान ग्राहक के घर पर पहुंचाते थे, लेकिन अब एक दायरे के भीतर पचास रुपये तक डिलीवरी चार्जेज लिए जा रहे हैं। यह अतिरिक्त बोझ भी ग्राहक पर पड़ रहा है। कारोबारियों का तर्क है कि कोरोना महामारी की शुरुआत में पहले कारोबार बिल्कुल बंद हो गया। अब अनलॉक में कामकाज शुरू तो है, लेकिन काफी कम है। इसी तरह लेबर की काफी समस्या है। ऐसे में सर्विस चार्जेज को बढ़ाया गया है। उनके मुताबिक कोविड काल में रिस्क बढ़ गया है। इसके चलते मिस्त्रियों को मास्क एवं सैनिटाइजर भी दिया जा रहा है। लोग भी सिर्फ मजबूरी में ही काम करा रहे हैं। वहीं ओबराय एयरकंडीशन्स के संचालक गुरमिदर सिंह का कहना है कि कारोबार पचास फीसद मुश्किल से है। ऐसे में मिस्त्री के घर में जाने के चार्जेज कोरोना काल से पहले यदि डेढ़ सौ थे तो उन्हें अब बढ़ाकर दो सौ रुपये कर दिया है। इसी तरह हैबोवाल स्थित इलेक्ट्रिशियन सुखदेव का कहना है कि कोविड में कामकाज तो कम हुआ ही है। पहले काम के आधार पर ही चार्जेज लिए जाते थे, लेकिन अब पचास से सौ रुपये दूरी के हिसाब से विजिट चार्जेज हैं। उनका तर्क है कि बाजार में लेबर की काफी कमी है। उधर, प्लंबर विजय कुमार ने कहा कि कोविड के दौरान सर्विस चार्जेज को बीस फीसद तक बढ़ाया है। पहले जो काम सौ रुपये में कर रहे थे, अब उसके 120 रुपये लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण लोग लटके हुए काम ही करवा रहे हैं। नया काम कम मिल रहा है। ऐसे में आर्थिक दिक्कतें बढ़ रही हैं।