प्रशासन के बनाए शेल्टर होम खाली, घर जाने के लिए सड़कों पर घूम रहे श्रमिक
धार्मिक संस्थाएं आगे आई और उन्होंने कैंपस शेल्टर होम्स के लिए खोल दिए लेकिन हालात ऐसे हैं कि श्रमिक सड़कों पर हैं और प्रशासन के शेल्टर होम खाली पड़े हैं।
लुधियाना, [राजेश भट्ट]। कर्फ्यू की घोषणा के साथ ही जिला प्रशासन ने 36 शेल्टर होम बनाए। अंदेशा था कि कर्फ्यू लंबा खिंचेगा और श्रमिकों के सामने खाने व रहने की समस्या पैदा होगी। इसके लिए धार्मिक संस्थाओं की मदद भी ली। धार्मिक संस्थाएं आगे आई और उन्होंने कैंपस शेल्टर होम्स के लिए खोल दिए, लेकिन हालात ऐसे हैं कि श्रमिक सड़कों पर हैं और प्रशासन के शेल्टर होम खाली पड़े हैं।
कुछ शेल्टर होम्स को छोड़ दें तो किसी में भी श्रमिक नहीं रह रहे। हालांकि पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने अब पैदल जाने वाले श्रमिकों को शेल्टर होम्स में पहुंचाने की मुहिम शुरू कर दी। उन्होंने लुधियाना पुलिस के सोशल अकाउंट्स पर भी सभी शेल्टर होम्स की जानकारी व कांटेक्ट नंबर शेयर कर दिए ताकि बेघर हुए श्रमिकों को इनमें पहुंचाया जा सके। दैनिक जागरण टीम ने प्रशासन के छह शेल्टर होम्स का जायजा लिया तो एक में 11 श्रमिक थे जबकि एक से सुबह ही श्रमिक ट्रेन के लिए निकल पड़े जबकि बाकी के शेल्टर होम्स में कोई भी नहीं था।
राधा स्वामी सत्संग भवन गिल : 250 श्रमिक रात को घर के लिए निकले
यहां 11 श्रमिक थे। सत्संग भवन के इंचार्ज अश्वनी ने बताया कि रात को ढाई सौ के करीब श्रमिक थे जिन्हें रात को ही ट्रेन में भेज दिया गया। इसके अलावा अभी यहां पर फिर से दो सौ के करीब श्रमिकों को लाया जा रहा है।
सरकारी सीसे स्कूल मॉडल टाउन : सिर्फ चार पुलिस मुलाजिम रह रहे
यहां बनाए गए शेल्टर होम में कुछ पुलिस वाले रह रहे हैं। इसके अलावा अभी तक किसी को नहीं लाया गया। स्कूल की प्रिंसिपल सुनीता ने बताया कि पहले दिन से चार पुलिस वाले रह रहे हैं।
आइटीआइ कॉलेज गिल रोड : किसी को नहीं लाया
यहां भी यही हाल है। अभी तक किसी को नहीं ले जाया गया। कॉलेज कैंपस में बने स्किल डवलपमेंट सेंटर के प्रमुख पुष्कर मिश्रा ने बताया कि अभी तक कोई भी प्रबंध नहीं किया है। यहां ठहरने व खाने का है प्रबंध राधा स्वामी सत्संग भवन टिब्बा रोड में कुछ दिन पहले तक दो सौ के करीब श्रमिक थे। उन्हें भी एक दिन पहले ही ट्रेन में भेज दिया है। यहां के संचालक बलबीर सिंह ने बताया कि अभी भी लोगों के ठहरने व खाने की पूरी व्यवस्था है।
रहने की व्यवस्था नहीं की तो लंगर की सेवा कर रहे
राधा स्वामी सत्संग भवन हंबड़ा रोड में श्रमिकों के रहने की व्यवस्था नहीं है क्योंकि काफी दिन से प्रशासन की तरफ से यहां श्रमिकों को ठहरने के लिए नहीं भेजा गया। जिसकी वजह से अब यहां पर सिर्फ लंगर बनाकर प्रशासन को दिया जा रहा है। यहां रोजाना 15 हजार लोगों का लंगर तैयार किया जा रहा है।
प्रशासन ने किसी भी को यहां रहने नहीं भेजा
राधा स्वामी सत्संग भवन मुंडियां में भी रहने की व्यवस्था नहीं है क्योंकि यहां भी भी कई दिनों से प्रशासन ने किसी श्रमिक को रहने के लिए नहीं भेजा। अब यहां पर रोजाना 20 हजार लोगों का खाना बनाया जा रहा है।
सीपी की अपील, शेल्टर होम में रहें, आपको गांव तक पहुंचाएंगे
सीपी राकेश अग्रवाल ने सोशल मीडिया के जरिए श्रमिकों से अपील की है कि वह पैदल घर न जाएं। जिसके पास रहने के लिए घर नहीं है और खाने की व्यवस्था नहीं है वह नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाएं और पुलिस उन्हें शेल्टर होम तक पहुंचाएगी। यही नहीं, जो लोग शेल्टर होम में रहेंगे उन्हें ट्रेन में बैठाने के लिए प्राथमिकता भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को गांवों तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था की जाएगी। रविवार को पुलिस ने पैदल जा रहे 300 श्रमिकों को अलग अलग शेल्टर होम्स में पहुंचाया है।