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Grand Parents Day Celebration: लुधियाना बीसीएम स्कूल के बच्चों ने दादा-दादी, नाना-नानी के प्रति जताया प्यार

Grand Parents Day Celebration बीसीएम आर्य माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल शास्त्री नगर के नर्सरी के नौनिहालों ने ग्रैंड -पेरेंट्स डे बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया। दादा -दादी नाना-नानी अपने पोते नातियों के साथ वर्चुअल क्लास में शामिल हुए।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 12:37 PM (IST)Updated: Tue, 02 Nov 2021 12:37 PM (IST)
Grand Parents Day Celebration: लुधियाना बीसीएम स्कूल के बच्चों ने दादा-दादी, नाना-नानी के प्रति जताया प्यार
बीसीएम आर्य माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल शास्त्री नगर के नर्सरी के नौनिहालों ने ग्रैंड -पेरेंट्स डे पर की मस्ती। (जागरण)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Grand Parents Day Celebration: दादा-दादी, नाना-नानी हंसी, देखभाल करने वाले कार्यों, अद्भुत कहानियों और प्रेम का एक रमणीय मिश्रण हैं। इसी के मद्देनजर बीसीएम आर्य माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल शास्त्री नगर के नर्सरी के नौनिहालों ने ग्रैंड -पेरेंट्स डे बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया। दादा-दादी, नाना-नानी अपने पोते, नातियों के साथ वर्चुअल क्लास में शामिल हुए। शिक्षकों ने दादा-दादी , नाना-नानी का स्वागत किया और एक गीत प्रस्तुति के साथ उनकी प्रशंसा की, जिसमें दादा-दादी, नाना-नानी की तस्वीरें और उनके पोते के साथ उनके दिल को छू लेने वाले क्षण रहे।

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उन्होंने अपने कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाले पलों को अपने पोते-पोतियों के साथ साझा किया और उनकी अमूल्य यादों को संजोया।दादा-दादी, नाना-नानी द्वारा प्रस्तुत संदेशों, तुकबंदी, गीतों और भजनों के साथ उत्सव को रोशन किया गया। केक पर आइसिंग स्पार्कलिंग डांस परफार्मेंस दी। इस अद्भुत दिन का अधिकतम लाभ उठाने वाले सभी दादा-दादी, नाना-नानी के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ते हुए देखना खुशी का क्षण था।

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नैतिक मूल्यों और नैतिकता की विरासत सौंपते हैं बुजुर्ग

स्कूल प्रिंसिपल डा. परमजीत कौर ने दादा-दादी , नाना-नानी को उनकी बहुमूल्य उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया और नन्हें फरिश्तों से अपने दादा-दादी , नाना-नानी के सम्मान और प्यार और देखभाल दिखाने का वादा लिया। उन्होंने कहा कि दादा-दादी , नाना-नानी सबसे महान उपहारों में से एक हैं। वे दुनिया को थोड़ा नरम, थोड़ा दयालु और थोड़ा गर्म बनाते हैं। मुख्य अध्यापिका अनुजा कौशल ने कहा कि दादा-दादी , नाना-नानी और नाती-पोतों के बीच के बंधन को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। दादा-दादी, नाना-नानी पोते-पोतियों को नैतिक मूल्यों और नैतिकता की विरासत सौंपते हैं।

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