Swine Flu: पंजाब में कोरोना संक्रमण के बाद स्वाइन फ्लू से पहली मौत, लुधियाना में महिला ने ताेड़ा दम
Swine Flu सिविल सर्जन ने कहा कि महिला में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद कांटैक्ट ट्रेसिंग के तहत सेहत विभाग की टीम उसके घर गई और सर्वे किया। इसमें सामने आया कि महिला हाउस वाइफ है और पिछले कई महीनों से वह शहर से बाहर नहीं गई।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Swine Flu: पंजाब में कोरोना का संक्रमण थोड़ा कम होने के बाद स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। बुधवार को पंजाब में लुधियाना में स्वाइन फ्लू से पहली मौत हुई। सिविल सर्जन डा. किरण आहलुवालिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 15 अगस्त को सुबह स्वाइन फ्लू के संदिग्ध लक्षण महसूस होने पर एक महिला डीएमसी अस्पताल में पहुंची। यहां उसमें स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। महिला लक्ष्मी सिनेमा के सामने इलाके में रहती थी।
सिविल सर्जन ने कहा कि महिला में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद कांटैक्ट ट्रेसिंग के तहत सेहत विभाग की टीम उसके घर गई और सर्वे किया। इसमें सामने आया कि महिला हाउस वाइफ है और पिछले कई महीनों से वह शहर से बाहर नहीं गई। परिवार के किसी भी सदस्य में स्वाइन फ्लू के लक्षण नहीं मिले हैं। इसके बाद पूरे इलाके में स्वाइन फ्लू से बचाव को लेकर पंफ्लेट व पोस्टर बांटे गए।
सिविल सर्जन ने कहा कि स्वाइन फ्लू को लेकर जिले के सभी एसएमओ को अलर्ट कर दिया गया है। बता दें कि लुधियाना जिले में 2018 से 2020 तक स्वाइन फ्लू का कोई मामला नहीं आया था। इस साल स्वाइन फ्लू का मामला आने से सेहत विभाग के अधिकारियों के माथे पर ¨चता की लकीरें ¨खच गई हैं। उन्हें डर है कि स्वाइन फ्लू फैला तो हालात बिगड़ सकते हैं।
इन्फ्लुएंज़ा और स्वाइन फ्लू के आयुर्वेदिक उपचार
- इन बीमारियों के होने का मतलब ही है रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना। इसे बढ़ाने के लिए अदरक की चाय, तुलसी का स्वरस और आंवले का जूस पी सकते हैं।
- ऐसी बीमारियों में बहुत ही कारगर होता है काढ़ा पीना। इसे बनाने के लिए तुलसी के 10 से 15 पत्ते, 5 से 7 काली मिर्च, 3 लौंग और एक छोटा-सा अदरक का टुकड़ा या इसका पेस्ट लेकर थोड़े से पानी में कुछ देर तक उबाल लें। हल्का ठंडा होने पर इसमें शहद मिला कर पिएं।
- जो भी जीवाणु संक्रमण हैं या विषाणुजनित संक्रमण हैं उनसे बचने के लिए घर में दीया-बत्ती भी जलाएं। देवदारु, राल, कर्पूर और नीम के पत्ते मिला कर धूपन कर सकते हैं। इसकी रोक-थाम के लिए कर्पूर जला भी सकते हैं और इसे खा भी सकते हैं। बहुत ही कम मात्रा में अगर कर्पूर खाया जाता है तो इससे रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
- वैसे तो तुलसी के पत्तों का काढ़ा पीने से रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसमें मधु पिप्पली का प्रयोग भी किया जा सकता है। 1 से 2 ग्राम पिप्पली लें। बड़ों को पीना है तो इसमें दोगुनी मात्रा में शहद मिलाएं और बच्चों के लिए चार गुनी मात्रा मिलाकर बनाएं।