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Black Fungus In Punjab: कोरोना को हरा चुके मरीजों को सताने लगा ब्लैक फंगस का डर, बना सकता है अंधा

Black Fungus In Punjab कोविड को हरा चुके मरीजों को आंखों की बीमारी ब्लैक फंगस ने चिंता में डाल दिया है। फोर्टिस अस्पताल लुधियाना में नेत्र रोग विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. शैफी बैदवाल ने बताया कि कोविड-19 बीमारी शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करती है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 10:40 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 10:40 AM (IST)
Black Fungus In Punjab: कोरोना को हरा चुके मरीजों को सताने लगा ब्लैक फंगस का डर, बना सकता है अंधा
कोरोना को हरा चुके मरीजों को अब ब्लैक फंगस का डर सता रहा है।

लुधियाना, जेएनएन। Black Fungus In Punjab: दुनिया के लिए चुनौती बनी कोरोना महामारी के दूसरे साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं। इस बीमारी से लड़कर जीतने वाले लोगों को जहां भविष्य में हार्ट प्रॉब्लम का खतरा रहने की बात कही जा रही है, वहीं अब कोविड को हरा चुके मरीजों को आंखों की बीमारी ब्लैक फंगस ने चिंता में डाल दिया है। क्योंकि यह बीमारी कोरोना रिकवरी के कई हफ्तों बाद भी हो सकती है। जिससे मरीज देखने की शक्ति खो सकता है।

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फोर्टिस अस्पताल लुधियाना में नेत्र रोग विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. शैफी बैदवाल ने बताया कि कोविड-19 बीमारी शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करती है।

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आंखों को लेकर भी इस बीमारी के साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं। ब्लैक फंगस नामक बीमारी कोरोना को हरा चुके मरीजों को अपना शिकार बना रही है। यह कोरोना से रिकवरी के कई हफ्तों बाद भी हो सकती है। जिसकी वजह से मरीज की देखने की शक्ति भी खत्म हो सकती है। मिट्टी, पौधे, खाद, फल व सब्जियों में सड़न होने के कारण ब्लैक फंगस का वायरस पैदा हो रहा है। यह वायरस सेहतमंद लोगों की नाक व बलगम में भी मौजूद हो सकता है। शुगर, कैंसर या एचआइवी/एड्स से ग्रस्त लोगों की इम्यूनिटी कम होती है, जिसके चलते यह वायरस ऐसे लोगों पर अटैक करके उनके दिमाग व फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड थेरेपी ले रहे और आइसीयू में वेंटिलेटर पर चल रहे मरीजों में इस इंफेक्शन के होने की ज्यादा संभावना रहती है। माना जा रहा है कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज में जीवन रक्षक के तौर पर उपयोग किए जा रहे स्टेराइड की वजह से इस इन्फेक्शन की शुरूआत हो रही है।

यह स्टेराइड जहां फेफड़ों की सूजन को कम करते हैं, वहीं इससे इम्यूनिटी भी कम हो रही है। जिससे डाइबिटिक व नॉन-डाइबिटिक मरीजों का ब्लड प्रेशर प्रभावित हो रहा है। जब फंगस पैरा नेसल साइनस म्यूरोसा पर हमला करता है तो यह कई ऑर्बिट्स में फैलने के साथ ही दिमाग तक भी पहुंच जाता है। नाक के शुष्क होने पर उसमें से खून बहना व सिरदर्द इसके आम लक्षण हैं। नर्म कोशिकाओं व हड्‌डी में घुसने पर इस इंफेक्शन के कारण स्किन पर काले धब्बे बनने लगते हैं। इसके साथ ही आंखों में दर्द व सूजन, पलकों का फटना व धुंधला दिखना भी ब्लैक फंगस के संकेत हो सकते हैं। इससे देखने की शक्ति खत्म हो सकती है। इससे मरीज की मानसिक हालत में बदलाव आने के साथ-साथ उसे दौरे भी पड़ सकते हैं। बीमारी के गंभीर होने पर मरीज की जान बचाने के लिए उसकी आंख या ऑर्बिट को हटाने जरूरी हो जाता है। ऐसी स्थिति में पहुंचने पर मरीज की देखने की शक्ति को नहीं बचाया जा सकता।

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