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दुष्कर्म से पैदा हुई बच्ची अब हुई 21 वर्ष की, DNA Test के बाद भी लड़ रही ऐसी लड़ाई

एक महिला के साथ हुए दुष्कर्म के चलते 21 साल पहले पैदा हुई बेटी हाईकोर्ट के आदेश से DNA Test कराने के बावजूद पिता का नाम लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 08:58 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 05:48 PM (IST)
दुष्कर्म से पैदा हुई बच्ची अब हुई 21 वर्ष की, DNA Test के बाद भी लड़ रही ऐसी लड़ाई
दुष्कर्म से पैदा हुई बच्ची अब हुई 21 वर्ष की, DNA Test के बाद भी लड़ रही ऐसी लड़ाई

जेएनएन, लुधियाना। शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर गांव में एक महिला के साथ हुए दुष्कर्म के चलते 21 साल पहले पैदा हुई बेटी हाईकोर्ट के आदेश से DNA Test कराने के बावजूद पिता का नाम लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। दूसरी ओर आरोपित पिता उसे अपनी बेटी मानने से साफ मना कर रहा है। युवती ने बताया कि आरोपित गांव के गुरुद्वारे का ग्रंथी मान सिंह है।

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युवती के मुताबिक करीब 22 साल पहले उसकी मां की शादी हुई थी। वो गुरुद्वारे में माथा टेकने जाया करती थी। एक दिन आरोपित ने उसकी मां को डरा-धमका कर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद भी आरोपित मां को ब्लैकमेल कर लगातार संबंध बनाता रहा। इस बीच, उसकी मां गर्भवती हो गई और 1998 में बच्ची का जन्म हुआ।

जन्म के बाद आरोपित उसकी मां से मारपीट किया करता था, जिसके चलते 2010 में उसकी मां ने थाना मेहरबान में आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की, मगर पुलिस ने उस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। 2011 में उसकी मां ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर DNA Test कराने की मांग की।

2013 में अदालत के आदेश पर आरोपित के साथ युवती का DNA Test कराया गया, जिसकी रिपोर्ट ने साफ कर दिया कि पीड़िता आरोपित मान सिंह की ही बेटी है। अदालत के आदेश पर थाना मेहरबान पुलिस ने 2013 में आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में केस दर्ज किया, लेकिन आरोपित ने पैसों के बल पर अपनी जमानत करा ली। आरोपित ने उसके बावजूद युवती को अपनी बेटी मानने से इन्कार कर दिया।

केंद्र सरकार से मांगी मदद

बीए कर चुकी युवती आइलेट्स करने लगी तो गांव के लड़के उसे पिता का नाम लेकर छेड़ने लगे कि दोनों में से तेरा पिता कौन है। इससे परेशान युवती ने केंद्र सरकार के गृह विभाग को चिट्ठी भेजकर मांग उठाई कि उसे उसके पिता का नाम दिलाने में कानूनी मदद दी जाए। गृह विभाग ने डीसी व सीपी लुधियाना को मामले में जांच के बाद फौरी कार्रवाई करने के लिए कहा। सीपी ने मामले की जांच थाना मेहरबान के एसएचओ को सौंप सात दिन में रिपोर्ट मांगी। पीडि़ता का आरोप है कि दो महीने बाद भी वो रिपोर्ट तैयार नहीं की गई।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का पहला मामला

दुष्कर्म मामले में बाप-बच्चे का DNA Test मिलान कराने का यह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का पहला मामला है। ऐसा ही एक मामला वरिष्ठ कांग्रेस नेता एनडी तिवारी का था। 2011 में दायर केस में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से दिए गए फैसले के बाद राज्य में कानून बना दिया गया, जिसमें मान सिंह पीड़िता की मां का नाम दर्ज है।

मां-बेटी पर हमला

आरोपित मान सिंह ने शनिवार को अपने साथियों के साथ घर में घुसकर युवती व उसकी मां पर बेसबैट से हमला कर दिया। इस दौरान आरोपितों ने घर में जमकर तोड़-फोड़ की। दोनों को घायल करने के बाद आरोपित जान से मारने की धमकियां देते फरार हो गए। थाना मेहरबान पुलिस ने गांव हवास निवासी 21 वर्षीय युवती की शिकायत पर उसी गांव में रहने वाले मान सिंह, सुखविंदर सिंह, मनजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, कुलदीप सिंह और तजिंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। युवती ने मां के साथ छेड़छाड़ की बात भी कही, लेकिन पुलिस ने केवल मारपीट व तोड़-फोड़ की धाराएं लगाईं। सोमवार को आरोपित व उसके साथी केस वापस लेने के लिए पीड़िता व उसकी मां को धमकाते रहे कि वे केस वापस ले लें, अन्यथा गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

एसएचओ बोले- पुराने केस की जांच जारी

इस संबंध में एसएचओ जगदेव सिंह का कहना है कि युवती की शिकायत पर छह आरोपितों के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज किया गया है। सभी की तलाश में छापेमारी की जा रही है। पुराने केस की भी जांच चल रही है।

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