थोक में जारी वैट एसेसमेंट नोटिस रद करे सरकार, आल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम ने लिखा कैप्टन को पत्र
VAT assessment Notices to Ludhiana Traders फोरम के प्रधान बदीश जिंदल ने पत्र में दावा किया है कि एसजीएसटी विभाग ने सूबे के 54769 एंटरप्रिन्याेर्स को वर्ष 2013-14 वैट केसों की एसेसमेंट के लिए नोटिस जारी किए हैं। इससे कारोबारियों में बेचैनी है।
लुधियाना, जेएनएन। आल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिख कर कहा है कि स्टेट जीएसटी विभाग ने वैल्यू एडेड टैक्स-वैट एसेसमेंट वर्ष 2013-14 के 54,769 केस फिक्स किए हैं और
कारोबारियों को नोटिस भेजे जा रहे हें। ये पूरी तरह से गैरकानूनी हैं, क्योंकि पिछली सरकार ने एक करोड़ रुपये तक के वैट केसों को एसेसमेंट से राहत दी थी, नतीजतन नब्बे फीसद से अधिक एसेसी इसके दायरे से बाहर हो
गए थे।
फोरम के प्रधान बदीश जिंदल ने पत्र में दावा किया है कि एसजीएसटी विभाग ने सूबे के 54,769 एंटरप्रिन्याेर्स को वर्ष 2013-14 वैट केसों की एसेसमेंट के लिए नोटिस जारी किए हैं। इससे कारोबारियों में बेचैनी है। विभाग के लुधियाना जिला एक, दो एवं तीन में 23,277 नोटिस, जालंधर में 14,208 और अमृतसर में 6249 नाेटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा विभाग ने 14,333 और 14,383 एसेसी को अलग से भी नोटिस जारी किए हैं।
बदीश का कहना है कि सूबे में वैट को खत्म हुए तीन साल से अधिक हो गए हैं। हैरानी की बात है कि कारोबारियों को सात साल पुराने मामलों में नोटिस भेजे जा रहे हैं।
केवल कारोबारियों को परेशान किया जा रहा
प्रधान के अनुसार सूबे में करीब 1,30,000 वैट एसेसी हैं। साफ है कि कुल साठ फीसद से अधिक काराेबारियों को नोटिस थमाए गए हैं। उनका मानना है कि नोटिस देने के लिए कोई भी मानक तय नहीं किए गए। केवल कारोबारियों को परेशान करने के मकसद से ऐसा किया जा रहा है। इससे ट्रेडर्स में नाराजगी बढ़ रही है।
विभाग बोगस बिलिंग पर काबू पाने में नाकाम
उधर, हालत यह है कि जीएसटी लगने के बाद भी विभाग बोगस बिलिंग पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रहा है। लगातार बोगस बिलिंग के मामले सामने आ रहे हैं। जिंदल ने कहा कि पिछली सरकार में तत्कालीन आबकारी एवं कराधान मंत्री ने 31 जनवरी, 2015 को एक करोड़ से नीचे की टर्नओवर वाले वैट कैसों को एसेसमेंट से छूट देने के आदेश जारी किए थे। इससे कारोबारियों को बड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब विभाग ने अंधाधुंध नोटिस जारी करने शुरू कर दिए हैं।
बदीश का कहना है कि पिछले ट्रैक रिकार्ड के अनुसार विभाग को एसेसमेंट के जरिए कभी भी कुल राजस्व का पांच फीसद भी नहीं मिला है। ऐसे में लगता है कि विभाग ने काराेबारियों को परेशान करने की ठान ली है। उधर विभाग के अधिकारियों ने भी कारोबारियों पर एसेसमेंट को लेकर दबाव बनाया है। बदीश ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से ईज ऑफ डुईंग बिजनेस को धक्का लगता है। सूबे में नया निवेश प्रभावित हो सकता है।
उन्होंने ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की है कि वह एसजीएसटी विभाग को कारोबारियों को दिए नोटिस रद करने के आदेश दें। सिर्फ संदिग्ध मामलों में ही कारोबारियों की एसेसमेंट की जाए। इससे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी।