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आपदा में मिली चुनौती, केज लवली स्वीट्स ने नए अवसर भुनाने को डिजिटल का सहारा

Make Small Strong Ludhiana लुधियाना में केज लवली स्वीट्स के एमडी नरिंदर पाल सिंह और उनके बेटे रमनदीप सिंह अब हर तरह के डिजिटल प्लेटफार्म से कारोबार को आगे बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना संकट ने उन्हें नई राह दिखाई है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 12:30 AM (IST)
आपदा में मिली चुनौती, केज लवली स्वीट्स ने नए अवसर भुनाने को डिजिटल का सहारा
केज लवली स्वीट्स के नरिंदर पाल सिंह ने छोटे से रेस्टोरेंट को स्वीट शॉप में बदलकर अलग पहचान बनाई है।

लुधियाना [मुनीश शर्मा]। किसी ने सही कहा है कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है। अगर आपमें कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो आपको जीवन में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसा ही कर दिखाया केज लवली स्वीट्स के संचालकों ने। पीढी दर पीढ़ी ग्राहकों के विश्वास को बढ़ाकर तरक्की की राह पर आगे बढ़ रही है। स्टोर का संचालन करने वाले एमडी नरिंदर पाल सिंह ने पिता के शुरू किए छोटे से रेस्टोरेंट को स्वीट शॉप में बदलकर लुधियाना में अलग पहचान बनाई है।

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स्वीट्स के साथ अब बेकरी क्षेत्र में रखा कदम

अब उनके बेटे रमनदीप सिंह और दमनबीर सिंह युवा सोच से केज लवली ब्रांड को स्वीट्स के साथ साथ बेकरी में अग्रणी बनाने को प्रयास में जुट गए हैं। इसके लिए लंबे अर्से से प्लानिंग की जा रही है लेकिन कोविड संकट के दौरान सबकुछ बंद होने के बावजूद डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से होम डिलिवरी की कांसेप्ट ने सोच में बड़ा बदलाव किया है। शीघ्र अब उत्पादों को न केवल लुधियाना और पंजाब बल्कि पूरे उत्तर भारत में उपलब्ध करवाने की तैयारी है। इसके लिए कंपनी जल्द अपना मोबाइल एप लेकर आएगी। सोशल मीडिया पर उत्पादों की ब्रांडिंग के साथ साथ उत्पादों की गुणवंता को लेकर जागरूकता फैलाएगी।

लुधियाना में केज लवली स्वीट्स के एमडी नरिंदर पाल सिंह और उनके बेटे रमनदीप सिंह अब हर तरह के डिजिटल प्लेफार्म से कारोबार को आगे बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं।

वर्ष 1947 में हुए बंटवारे के बाद नरिंदर पाल सिंह के पिता करतार सिंह ने अपने भाइयों हरभजन और राजन सिंह के साथ  दंडी स्वामी रोड पर फ्रेंड्स रेस्टोरेंट की शुरुआत की थी। कुछ देर काम अच्छा चला, लेकिन पुराने दयानंद अस्पताल के दूसरी तरफ शिफ्ट हो जाने से काम कम हो गया। नरिंदर पाल सिंह ने बताया कि वह वर्ष 1980 में कारोबार में आए। इसके बाद उन्होंने रेस्टोरेंट को स्वीट शॉप में तब्दील करने की सोची और वर्ष 1993 में इसका नाम केज लवली रखा। फिर काम चलता गया और जमालपुर में दूसरी ब्रांच खोली गई। 

कोरोना संकट ने नई दिशा दिखाई

नरिंदर पाल सिंह का कहना है कि जीवन में कभी मेहनत करना नहीं छोड़नी चाहिए। नई पीढ़ी सही रास्ते चलकर मेहनत से ही कामयाबी पा सकती है। बेटे रमनदीप सिंह के मुताबिक कोरोना संकट ने एक नई दिशा दिखाई है। महामारी के दौरान लोग घरों में बंद थे। ऐसे में ग्राहकों को बेकरी के प्रोडक्टस की अहम जरूरत पड़ी। प्रशासन से अनुमति लेकर होम डिलिवरी की गई। इसमें कई तरह की सीख मिली और काम करने को तौर-तरीके में बदलाव भी किया। इससे समझ में आया कि विदेश में किस तरह लोग डिजिटल शापिंग को तरजीह देते हैं और इसके लाभ क्या हैं।

स्टोर के साथ-साथ अब आने वाले समय में डिजिटल के लिए हर किसी को तैयार होना पड़ेगा। इसी को ध्यान में रखकर हम शीघ्र मोबाइल एप लांच करेंगे। लुधियाना सहित पूरे पंजाब और उत्तर भारत में उत्पाद उपलब्ध करवाए जाएंगे। हम न केवल बेकरी उत्पाद बल्कि काफी समय तक खराब न होने वाली मिठाइयों की भी सप्लाई करेंगे। मोबाइल एप पर काम चल रहा है। साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी ब्राडिंग की जा रही है।


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