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लुधियाना के कंवलदीप ने ग्राहकों के साथ कदमताल कर मुश्किल दौर में बुलंदियों को छुआ

Make Small Big लुधियाना के जाने-माने कपड़ा कारोबारी व ड्रेस मटीरियल शोरूम नीलीबार के संचालक सोनू नीलीबार ने ग्राहकों के साथ बेहतर तालमेल बना कर उनकी जरूरतों को पूरा करके इस मुश्किल दौर को सफलतापूर्वक पार किया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 12:30 AM (IST)
लुधियाना के कंवलदीप ने ग्राहकों के साथ कदमताल कर मुश्किल दौर में बुलंदियों को छुआ
कंवलदीप सिंह उर्फ सोनू नीलीबार के बुजुर्ग बंटवारे से पहले पाकिस्तान के नीलीबार क्षेत्र के बुरेवाल में रहते थे।

लुधियाना, जेएनएन। कारोबार की सफलता के लिए यह जरूरी है कि आपको ग्राहक का मन पढ़ना आता हो। नब्ज टटोल कर उसकी जरूरतों को पूरा करने का जुनून हो। कारोबार के अलावा सामाजिक रिश्ते और अपनापन दिखाने का जज्बा हो तो मुश्किल दौर में भी बुलंदियों को छुआ जा सकता है। प्रख्यात कपड़ा कारोबारी व ड्रेस मटीरियल शोरूम नीलीबार के संचालक सोनू नीलीबार ने ग्राहकों के साथ बेहतर तालमेल बना कर उनकी जरूरतों को पूरा करके इस मुश्किल दौर को सफलतापूर्वक पार किया है। मुश्किल के वक्त में उन्होंने अपने बुजुर्गों के दिए कारोबारी मंत्र व सिद्धांतों को नहीं छोड़ा। नतीजतन, उनमें ग्राहकों का विश्वास और बढ़ गया।
 

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कंवलदीप सिंह उर्फ सोनू नीलीबार के बुजुर्ग बंटवारे से पहले पाकिस्तान के नीलीबार क्षेत्र के बुरेवाल में रहते थे। वहां उनका आढ़त व कपड़े का कारोबार था। बंटवारे के बाद दादा मोहकम सिंह ने लुधियाना के फील्डगंज में कपड़े की दुकान खोली और फिर चौड़ा बाजार में शिफ्ट हो गए। सोनू के पिता उत्तम सिंह भी वर्ष 1956 में कारोबार में आ गए। 21 वर्ष पहले नीलीबार का शोरूम चौड़ा बाजार से शिफ्ट होकर मालरोड पर आ गया। सोनू का दावा है कि जो ग्राहक 1950 के दौरान उनके साथ जुड़ा था, आज भी वह उनके साथ ही है। बुजुर्गों ने इमानदारी, कम मार्जिन, बेहतर क्वालिटी और प्रतिस्पर्धात्मक दाम का मंत्र दिया था, जिसका वह आज भी पालन करते हैं।

सोनू कहते हैं कि लाकडाउन में अचानक सब कुछ बंद हो गया था। फिर, सरकारी गाइडलाइंस को ध्यान में रख कर कारोबार किया। शोरूम में सैनिटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क, फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा। बुजुर्गों के लिए होम डिलीवरी की सुविधा शुरू की। वीडियो काल व वाट्सएप से कपड़ों की ब्रांडिंग की। कपड़ों को सैनिटाइज करके ग्राहकों के घर तक भिजवाया।

कपड़ों के लिए अलग से क्वारंटाइन रूम बनाया

संक्रमण से बचने के लिए कपड़ों के लिए भी अलग से क्वारंटाइन रूम बनाया। यदि ग्राहक कपड़ा ट्राई करने के बाद नहीं खरीदता था, तो उसे 24 से 48 घंटे के लिए क्वांरटाइन किया गया। डिजिटल प्लेटफार्म का पूरा उपयोग किया। इसके लिए प्रोफेशनल्स की टीम रखी। लगातार फेसबुक, इंस्ट्रग्राम व वेबसाइट पर मौसम, पर्व और ग्राहकों की जरूरतों के हिसाब से नए ट्रेंड, कलेक्शन के कपड़ों की फोटो अपलोड किए। इससे अन्य राज्यों से भी अच्छा रिस्पांस आया।

लॉकडाउन में आनलाइन बिजनेस चार सौ गुणा बढ़ा

अब नीलीबार के पंजाब के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, जम्मू कश्मीर समेत कई राज्यों में ग्राहक हैं। लाकडाउन में आनलाइन बिजनेस चार सौ गुणा तक बढ़ गया। कनाडा, इंग्लैंड, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड समेत अन्य देशों में बसे पंजाबी भी यहां से आनलाइन खरीदारी करते हैं। लाकडाउन ने नीलीबार को ग्लोबल स्टोर बना दिया। सोनू कहते हैं कि मुश्किल दौर में स्टाफ का भी पूरा सहयोग रहा। स्टाफ का कोविड बीमा भी कराया गया। उनको वक्त पर वेतन दिया। अब वाला वक्त बेहतर नजर आ रहा है। कोरोना ने हमें मजबूत डिजिटल प्लेटफार्म मुहैया करवा दिया है। 

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