सफाई में कितने चाहिए नंबर, शहरवासियों पर भी निर्भर
आपकी सहभागिता और निगम की ओर से गंदगी की समस्या का समाधान ही महानगर की स्वच्छता रैंकिंग सुधारने या बिगाड़ने पर निर्भर करेगा।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : आपकी सहभागिता और निगम की ओर से गंदगी की समस्या का समाधान ही महानगर की स्वच्छता रैंकिंग सुधारने या बिगाड़ने पर निर्भर करेगा। केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 और गारबेज फ्री सिटी रैंकिग के लिए शहरों में तैयारी करने के लिए कह दिया। इसके लिए प्रदेश सरकार ने मार्किग सिस्टम सेट करके स्वच्छ भारत मिशन के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टरों को भेज दिए हैं। अब डायरेक्टर्स ने नगर निगमों को इस सिस्टम के हिसाब से काम करने के निर्देश दे दिए। वीरवार को जोन डी में हेल्थ ब्रांच के अफसरों की बैठक हुई जिसमें स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 व गारबेज फ्री सिटी रैंकिग के मार्किग सिस्टम के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही कमिश्नर ने अफसरों को साफ कर दिया कि जो भी व्यक्ति शहर में कूड़ा फैलाता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें ताकि शहर को कूड़ा मुक्त कर अच्छी रैंकिग ले सकें।
इस दौरान अफसरों को बताया गया कि इन दोनों प्रतियोगिताओं में अच्छी रैंकिग हासिल करने के लिए लोगों की सहभागिता (सिटीजन वाइस) सबसे अहम होगी। इसके 1800 अंक मिलेंगे। इसमें आमजन से फीडबैक लेनी होगी और अधिक से अधिक स्वच्छता एप डाउनलोड करवाना होगा। इसके अलावा स्वच्छता एप के जरिए मिलने वाली समस्याओं को तय समय पर पूरा करना होगा। वहीं नगर निगम की तरफ से दी जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं के 2400 अंक होंगे। इसमें सोर्स सेग्रीगेशन, कूड़े का निस्तारण और शहर में सार्वजनिक टायलेट्स की उपलब्धता के आधार पर अंक मिलेंगे। वहीं ओडीएफ व अन्य सुविधाओं की सर्टिफिकेशन के 1800 अंक होंगे। इस तरह कुल 6000 अंक होंगे।
अच्छी रैंकिंग के लिए अफसरों को यह करना होगा
1. 100 फीसद डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और कूड़े का सोर्स सेग्रीगेशन।
2. सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करना, प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध।
3. होटलों, अस्पतालों व सोसायटीज में स्वच्छता के कंपीटिशन करवाना।
4. लोगों को सफाई के लिए जागरूक करना।