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सीईटीपी के निर्माण के लिए पंजाब ने दी 10.18 करोड़ की सब्सिडी, अब केंद्र का इंतजार

केंद्र सरकार की मदद से शहर में तीन सीईटीपी प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनमें रोजाना करोड़ों लीटर पानी ट्रीट कर दोबारा इस्तेमाल लायक बनाया जाएगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 07:08 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 07:08 PM (IST)
सीईटीपी के निर्माण के लिए पंजाब ने दी 10.18 करोड़ की सब्सिडी, अब केंद्र का इंतजार
सीईटीपी के निर्माण के लिए पंजाब ने दी 10.18 करोड़ की सब्सिडी, अब केंद्र का इंतजार

लुधियाना, जेएनएन। कई महीनों से प्रदेश और केंद्र सरकार की सब्सिडी का इंतजार कर रहे लुधियाना के दो सीईटीपी के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की लताड़ के बाद प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से की 10.18 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी कर दी है। अब केंद्र की सब्सिडी के लिए एनजीटी ने आदेश दिए हैं।

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ऐसे में केंद्र की सब्सिडी भी शीघ्र आने से समय पर काम पूरा हो पाएगा और लंबे समय से सब्सिडी न मिलने की वजह से उद्योगों के लिए लटके दो सीईटीपी प्रोजेक्ट समय से पूरे हो पाएंगे। इससे पानी को ट्रीट कर दोबारा इस्तेमाल लायक बनाया जाएगा। इसका इस्तेमाल इंडस्ट्री के साथ-साथ ङ्क्षसचाई के लिए भी किए जा सकेगा।
दरअसल, पंजाब सरकार की ओर से छह करोड़ रुपये ताजपुर रोड के सीईटीपी प्लांट को और 4.18 करोड़ रुपये फोकल प्वाइंट सीईटीपी के लिए जारी किए गए हैं। वहीं केंद्र सरकार की ओर से इससे दोगुणा राशि 20.36 करोड़ रुपये का इंतजार है। जारी की जाएगी।

करोड़ों लीटर पानी ट्रीट कर दोबारा होगा प्रयोग
लुधियाना में केंद्र की मदद से तीन प्लांट लगने हैं। इससे शहर के 204 उद्योगों को लाभ होगा। ताजपुर रोड में 120 यूनिटों का 50 एमएलडी पानी रोजाना ट्रीट किया जाएगा। फोकल प्वाइंट में 66 यूनिटों के लिए 40 एमएलडी पानी ट्रीट किया जाएगा जबकि बहादुरके रोड पर 18 यूनिट का रोजाना 15 एमएलडी पानी ट्रीट किया जाएगा। इनमें से बहादुरके रोड पर बन रहे सीईटीपी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जबकि अभी फोकल प्वाइंट एंव ताजपुर रोड पर सीईटीपी का निर्माण कार्य पूरा किया जाना है। ऐसे में अब शीघ्र केंद्र का फंड जारी हो जाएगा, तो समय से प्रोजेक्ट पूरा होगा।

समय से मिले सब्सिडी तेजी से होगा काम
पंजाब डायर्स एसोसिएशन के सचिव बॉबी जिंदल के मुताबिक सब्सिडी के देरी से आने के कारण प्रोजेक्ट में देरी हुई है। अब प्रदेश की सब्सिडी मिल गई है और केंद्र की सब्सिडी मिल जाने के बाद काम तेजी पकड़ेगा। इस साल के अंत तक प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। इससे इंडस्ट्री के साथ साथ पर्यावरण संभाल में भी अहम सहयोग मिलेगा।


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