कोरोना से अकाली नेता ओम प्रकाश कैंथ की मौत, परिवार ने लगाए बेहतर इलाज नहीं मिलने के आरोप
परिवार के सदस्यों ने कहा कि अगर लुधियाना में ही बेहतर इलाज मिल गया होता तो ओमप्रकाश कैंथ की मौत न होती।
जेएनएन, लुधियाना: हरकीरत नगर बस स्टैंड निवासी एवं अकाली नेता ओमप्रकाश कैथ की कोरोना वायरस से मौत हो गई। उन्होंने पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में दम तोड़ा। वह 26 जुलाई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उनका अंतिम संस्कार ढोलेवाल स्थित शमशानघाट में हुआ। उधर, परिवार के सदस्यों ने कहा कि अगर लुधियाना में ही बेहतर इलाज मिल गया होता तो ओमप्रकाश कैंथ की मौत न होती। उनका कहना था कि 25 जुलाई को ओमप्रकाश कैंथ की अचानक हालात खराब हो गई। वह उन्हें गुरु नानक अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने उन्हें डीएमसीएच रेफर कर दिया।
डीएमसीएच में ढाई घंटे खड़े रहे पर बेड नहीं मिला। इसके बाद वह फिर सिविल अस्पताल ले गए। यहां भी उन्हें दो घंटे भर्ती रखने के बाद पटियाला रेफर कर दिया।
संक्रमित मृतक का अंतिम संस्कार करने से रोका, पुलिस बुलाई
सलेम टाबरी शमशानघाट में रविवार को तब हंगामा हो गया, जब एक इलाके के लोगों ने कोरोना संक्रमित मृतक का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। मृतक सलेम टाबरी का ही रहने वाला था। इलाके के लोगों का कहना था कि यह शमशानघाट घनी आबादी में है। ऐसे में वह संस्कार नहीं होने देंगे। इसके बाद स्वजनों ने पुलिस को फोन किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाया। तब जाकर संस्कार हो पाया।
बता दें कि हाल ही में दैनिक जागरण ने ढोलेवाल के श्मशानघाट में मृतकों के अंतिम संस्कार में चार दिन की वेटिंग का मामला उठाया था। इसके बाद हरकत में आए डीसी ने आदेश दिए थे कि शहर के किसी भी श्मशानघाट में संक्रमित मृतकों का संस्कार हो सकता है। इसके बावजूद अब लोगों ने रविवार को मरीज के संस्कार पर विरोध जताया।