दो महीने में विद्यार्थियों को मिड-डे मील नहीं बांट सका शिक्षा विभाग
कोरोना संक्रमण के कारण पंजाब सरकार ने 23 मार्च से पूरे प्रदेश में कर्फ्यू का ऐलान किया। इस बीच स्कूल बंद होने के कारण विद्यार्थियों को मिड डे मील नहीं बांटा गया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : कोरोना संक्रमण के कारण पंजाब सरकार ने 23 मार्च से पूरे प्रदेश में कर्फ्यू का ऐलान किया। हालांकि, सूबे में स्कूल समेत तमाम शिक्षण संस्थान इससे चार दिन पहले ही बंद कर दिए गए थे। स्कूल बंद होने के कारण विद्यार्थियों को मिड डे मील नहीं बांटा गया। कर्फ्यू ऐलान के एक सप्ताह बाद ही सरकार ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि सरकारी व एडिड स्कूलों में पढ़ने वालों विद्यार्थियों को मिड-डे मील का सूखा राशन व कुकिंग कॉस्ट बांटी जाए। आदेश जारी हुए दो महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया, लेकिन अभी तक ज्यादातर विद्यार्थियों को मिड-डे मील नहीं बांटा जा सका है।
सरकार ने मिड-डे मील के लिए प्रति विद्यार्थी के हिसाब से राशन व कुकिंग कॉस्ट तय की है। विभाग के मानकों के हिसाब से ही स्कूल में मिड-डे मील पकाया जाता है। बच्चों की छुट्टी होने के कारण शिक्षा विभाग के डायरेक्टर एलिमेंट्री ने जिला शिक्षा अधिकारियों को हिदायतें जारी की थीं कि 23 मार्च से 15 अप्रैल तक 24 दिनों के मिड-डे मील का राशन व कुकिग कॉस्ट विद्यार्थियों को घर-घर जाकर दी जाए, लेकिन सरकारी व एडिड स्कूलों ने घर घर जाकर राशन बांटने से परहेज किया। कुछ टीचर्स ने यह राशन जरूर बांटा, लेकिन ज्यादातर स्कूलों के विद्यार्थियों को यह राशन नहीं मिला। स्कूल टीचर्स ने राशन के पैकेट बनाकर रख लिए हैं। शिक्षा विभाग अब विद्यार्थियों को किताबें लेने के लिए स्कूल बुला रहा है, इसलिए स्कूल प्रिंसिपलों व टीचर्स अब किताबों के साथ बच्चों को राशन के पैकेट भी दे रहे हैं। जिला शिक्षा विभाग की मानें तो अभी तक उनके पास यह आंकड़ा नहीं आया है कि कितने स्कूलों ने राशन बांट लिया है और कितनों ने अभी तक नहीं बांटा है?
कुकिग कॉस्ट ट्रांसफर करने में आ रही दिक्कत
सरकार प्राइमरी व अपर प्राइमरी के लिए के मिड-डे मील बनाने के लिए कुकिंग कॉस्ट देती है। विभाग ने आदेश दिए हैं कि यह राशि बच्चों के अकाउंट में ट्रांसफर की जाए। जिन स्कूलों ने राशन बांट लिया है, वह भी कुकिंग कॉस्ट की राशि बच्चों के अकाउंट में ट्रांसफर नहीं करवा पा रहे। दरअसल, ज्यादातर बच्चों के अकाउंट ऑपरेट न होने की वजह बंद पड़े हैं। इस कारण पैसे ट्रांसफर नहीं हो पा रहे। सरकारी हाई स्कूल ससराली कॉलोनी की मुख्य अध्यापिका अमिता गोयल ने बताया कि विद्यार्थियों को राशन के पैकेट बांट दिए हैं और अब उनके पैसे अकाउंट में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया चल रही है। ज्यादातर बच्चों के अकाउंट या तो बंद हैं या फिर चालू स्थिति में नहीं हैं। ये मिलनी है राशन व कुकिग कॉस्ट प्रति विद्यार्थी
प्राइमरी स्तर अपर प्राइमरी
गेहूं 100 ग्राम प्रति दिन 150 ग्राम प्रतिदिन
चावल 100 ग्राम प्रति दिन 150 ग्राम प्रतिदिन
कुकिग कॉस्ट 4.48 रुपये प्रति दिन 6.72 रुपये प्रतिदिन
कुल दिनों की संख्या: 24 24
26 दिन में मिलने वाली कुल राशि 107.52 रुपये 161.04 रुपये कुछ स्कूल यह राशन बांट चुके हैं, जबकि अभी कुछ ने नहीं बांटा है। स्कूल प्रिंसिपलों से इस संबंध में जवाब मांग लिया गया है।
कुलदीप सिंह, डिप्टी डीईओ एलिमेंट्री