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सतलुज में रेत खनन से धुस्सी बाध को खतरा

माछीवाड़ा साहिब हलका साहनेवाल अधीन पड़ते सतलुज दरिया के क्षेत्र में से नियमों के उलट जा कर हो रही रेत माइनिग कारण धुस्सी बाँध को खतरा हो रहा है जिस पर दर्जनों गाँवों की पंचायतों ने जिला डिप्टी कमिशनर को शिकायत दे यह रेत माइनिग बंद करवाने की माँग की है जिससे कमजोर धुस्सी बाँध को बचाया जा सके।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 05:00 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 05:00 AM (IST)
सतलुज में रेत खनन से धुस्सी बाध को खतरा
सतलुज में रेत खनन से धुस्सी बाध को खतरा

संवाद सहयोगी, श्री माछीवाड़ा साहिब

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हलका साहनेवाल के तहत सतलुज के किनारों पर नियमों के विपरीत हो रहे रेत खनन से धुस्सी बाध को खतरा है। इस बारे में कई गांवों की पंचायतों ने डीसी प्रदीप अग्रवाल को शिकायत देकर इस खनन को बंद करने की मांग की है।

हलका साहनेवाल की पंचायत मत्तेवाड़ा, गढ़ी फाजल, मंगली खास, मंगली टांडा, गढ़ी शेरू, गौंसगढ़, रौढ़, ससराली, बलीपुर, बूथगढ़ वणजारा सहित ब्लाक समिति सदस्यों ने इस बारे में डीसी से शिकायत की है। उन्होंने बताया है कि थाना मेहरबान के तहत बड़ी-बड़ी मशीनों से सतलुज में रेत खनन कर टिप्परों को ओवरलोड भरा जा रहा है। इसके कारण धुस्सी बांध की मिट्टी भी वहां से गुरने वाले ओवरलोड टिप्परों से गिर रही है। गत वर्ष भी बरसात में सतलुज में पानी बढ़ने पर धुस्सी बांध में दरार आ गई थी। जिसे बहुत मुश्किल से लोगों व प्रशासन ने बचाया था। मगर, अब कुछ दिनों से लगातार सतलुज में रेत खनन जारी है। उन्होंने चेताया है कि अगर रेत खनन को न रोका गया, तो बरसात में धुस्सी बांध में दरार पड़ सकती है और इससे बड़ा जानी माली नुकसान हो सकता है।

इसी संदर्भ में उक्त पंचायतों ने पत्रकारों को बताया कि सतलुज में जो नियमों की धज्जियां उड़ा कर रेत खनन हो रहा है, उस बारे में उन्होंने मेहरबान पुलिस थाना और प्रशासनिक अधिकारियों को भी सूचित किया है। मगर, रेत माफिया के आगे पुलिस प्रशासन इतना बेबस है कि कोई भी इस पर नकेल कसने के लिए आगे नहीं आ रहा है।

उक्त पंचायतों और कांग्रेस नेता ताजपिदर सिंह सोनू ने कहा है कि यदि पुलिस प्रशासन ने सतलुज से रेत खनन बंद न करवाया, तो वे मजबूरन हाईकोर्ट जाएंगे।

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वन विभाग ने भी पुलिस को लिखा पत्र, पर नहीं रूका खनन

जंगलात विभाग के रेंज अफसर प्रितपाल के अनुसार सतलुज में मत्तेवाड़ा जंगलों के नजदीक जो रेत खनन हो रहा है, वह जमीन वन विभाग की है। इस बारे में उन्होंने रेत खनन करने वालों को रोका था, परंतु वे नहीं माने। इसके कारण उन्होंने मेहरबान पुलिस थाना को एक शिकायत भी दी है कि जब तक जमीन की सीमारेखा तय नहीं हो जाती, तब तक रेत खनन रोका जाए। मगर, मेहरबान पुलिस ने इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया। इससे लगता है कि रेत माफिया के तार सत्ताधारियों और चंडीगढ़ में बैठे उच्च अधिकारियों से जुड़े हुए हैं।

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उच्चाधिकारी जो निर्देश देंगे, उसके अनुसार होगी कार्रवाई

इस बारे में थाना मेहरबान के मुखी कुलवंत सिंह का कहना है कि जिस क्षेत्र में खनन हो रहा है, वह नवांशहर जिले में है और सरकारी खड्ड भी उसी जिले से संबंधित है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत डीसी व पुलिस कमिशनर के ध्यान में है। इस बारे में उच्चाधिकारी जो भी निर्देश देंगे, उसके अनुसार कार्रवाई होगी।


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