Move to Jagran APP

लुधियाना में चल रही थी Fake करंसी छापने की फैक्‍टरी, साढ़े 22 लाख रुपये के नकली नोट बरामद

लुधियाना में पुलिस ने नकली नोट बनाने के धंधे का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने करीब 22 लाख 60 हजार रुपये की नकली करंसर बरामद की।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 09:46 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 02:35 PM (IST)
लुधियाना में चल रही थी Fake करंसी छापने की फैक्‍टरी, साढ़े 22 लाख रुपये के नकली नोट बरामद
लुधियाना में चल रही थी Fake करंसी छापने की फैक्‍टरी, साढ़े 22 लाख रुपये के नकली नोट बरामद

लुधियाना, जेएनएन। पुलिस ने यहां नकली करंसी बनाने की फैक्‍टरी पकड़ी है। क्राइम ब्रांच-3 ने एक घर में चल रही नकली नोट बनाने की इस फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से दो युवकों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से करीब 22.60 लाख रुपये की नकली करंसी, प्रिंटर और लैपटॉप बरामद हुआ है। आरोपितों की पहचान पीएयू निवासी साहिल और ताजपुर रायकोट निवासी विक्की के तौर पर हुई है। दोनों युवक डीएमसी अस्पताल में लाउंड्री का काम करते थे।

loksabha election banner

जानकारी के अनुसार आरोपितों ने साेशल मीडिया से नकली नोट बनाने की तरकीब बताने वाले शख्स का पता लगाया। इसके बाद उससे संपर्क कर नकली नोट बनाना सीखा और इसके बाद यह गोरखधंधा शुरू किया। तरकीब बताने वाला शख्स छत्तीसगढ़ का रहने वाला है और वही उन्हें नोट खपाने वाले ग्राहक मुहैया करवाता था। आरोपितों से बरामद नकदी 2000 और 500 रुपये की है। दोनों अब तक पांच लाख रुपये की नकली करंसी खपा चुके हैं।

क्राइम इनवेस्टीगेशन एजेंसी (सीआइए) की टीम ने 22.60 लाख रुपये की नकली करंसी के साथ दो युवकों को उस समय काबू किया जब वे नकली नोट छाप रहे थे। आरोपित घर पर ही प्रिंटर लगाकर नोट छापे रहे थे। दोनों दयानंद मेडीकल कालेज अस्पताल (डीएमसी) में लाउंड्री का काम करते थे। पुलिस ने दोनों के खिलाफ शिमलापुरी थाने में आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

डीसीपी सिमरतपाल सिंह ढींडसा ने बताया कि सीआइए-3 की पुलिस पार्टी ने अरोड़ा कट शिमलापुरी में बिना नंबर प्लेट लगे मोटरसाइकिल पर जा रहे दो युवकों को काबू कर तलाशी ली तो उनके बैग से 9 लाख 17 हजार रुपये की नकली करेंसी बरामद हुई। दोनों की पहचान साहिल निवासी दशमेश नगर, इयाली कलां और विक्की निवासी गांव ताजपुर थाना रायकोट के तौर पर हुई है।

पूछताछ के बाद पुलिस ने जैसे ही ताजपुर गांव में विक्की के घर पर रेड की तो वहां से 13 लाख 43 हजार 600 रुपये, एक लेपटॉप, एक प्रिंटर और एक लेमीनेटर बरामद हुआ। वह लोग दो हजार, 500 और 200 रुपए के नोट बनाते थे। पुलिस जांच में पता चला है कि वह बाजार में पांच लाख रुपये कीमत के नकली नोट चार बार बेच चुके हैं। पुलिस ने दोनों के खिलाफ थाना शिमलापुरी में आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवााई शुरू कर दी है। पुलिस अब छत्तीसगढ़ के राकेश के बारे में जानकारियां जुटा रही है और इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार से भी संपर्क किया जा रहा है।

साेशल मीडिया पर सीखे नोट बनाने वहीं से मिला मिडिल मैन

विक्की आठवीं पास है और साहिल दसवी, वह दोनों डीएमसी की लाउंडरी में काम करते थे। दोनों जल्द अमीर बनना चाहते थे और इसके लिए वह जुगतें लड़ा रहे थे। काम से फ्री होकर वह सोशल मीडिया पर नोट बनाने की वीडियो देखते रहते थे। इसी दौरान एक वीडियो के कामेंट से उनका संपर्क छत्तीसगढ़ के राकेश कुमार के साथ हुआ। उसने इन्हें नोट बनाने की तरकीब भी बताई और इनके द्वारा बनाए गए नोट को बाजार में चलाने के लिए ग्राहक भी मुहैया करवाए।

वाट्सएप कॉल के जरिए होती थी डीलिंग

छत्तीसगढ़ का राकेश कुमार काफी शातिर है, उसने इन नौसिखियों को पूरी तरह से ट्रेंड कर दिया था। आपस में बातचीत करने के लिए वाट्सएप कॉल का इस्तेमाल करने के लिए ही इन्हें बताया गया था। पुलिस को यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या वह यहां पर इन्हें ट्रेनिंग देने के लिए आया था या फोन पर ही जानकारियां देता था। वह वाट्सएप के जरिए नोट के खरीददार की जानकारी देता था, जिसे वह जानते भी नहीं होते थे। वह दो हजार रुपये असल लेकर दो हजार की तीन नोट या, पांच सौ के बारह नकली नोट देते थे। 

विक्की के माता-पिता नहीं

जांच में सामने आया है कि गांव ताजपुर के विक्की के माता-पिता नहीं हैं और वह दादा-दादी के साथ पुश्तैनी घर में रहता था। साहिल झूठ बोलकर रात भर उसके घर में रहता था और वह नोट बनाते थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.