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तापमान में उतार-चढ़ाव से बीमार हो रहे लोग, मार्च के दूसरे सप्ताह तक बंद न करें गर्म कपड़े पहनना

पिछले एक सप्ताह से चिकित्सकों के पास खांसी जुकाम छींक गला खराब ब्रोंकाइटिस और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

By Vikas KumarEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 01:47 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 01:47 PM (IST)
तापमान में उतार-चढ़ाव से बीमार हो रहे लोग, मार्च के दूसरे सप्ताह तक बंद न करें गर्म कपड़े पहनना
तापमान में उतार-चढ़ाव से बीमार हो रहे लोग, मार्च के दूसरे सप्ताह तक बंद न करें गर्म कपड़े पहनना

लुधियाना, जेएनएन। फरवरी का अंतिम सप्ताह आते-आते मौसम का मिजाज बदल जाता है। इस महीने में कभी बारिश, कभी तापमान में कमी तो कभी धूप निकलने पर पारा चढ़ता उतरता देखा गया, जिससे कभी ठंड तो कभी गर्मी वाला मौसम बना रहता है। ऐसे में बहुत से लोग गर्म कपड़ों से तौबा करने लगते हैं। चेंजिंग वेदर में अचानक आने वाले उतार चढ़ाव से शरीर खुद को इसके अनुसार ढाल नहीं पाता। ऐसे में लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से चिकित्सकों के पास खांसी, जुकाम, छींक, गला खराब, ब्रोंकाइटिस और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। चिकित्सकों का कहना है कि फरवरी के मध्य के बाद से लेकर मार्च के दूसरे सप्ताह तक सजग रहें। गर्म कपड़े एकदम से पहनने बंद ना करें, खासकर जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है।

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इस मौसम में यह शिकायतें आ रही हैं

वायरल फीवर

गले में दर्द

खांसी

जुकाम

बदन दर्द

खांसी, जुकाम, गला खराब हो तो स्टीम लें, गरारें करें

अगर किसी को गले में खराश महसूस हो रही हो, खांसी हो, जुकाम हो या नाक बंद हो तो ऐसी स्थिति में शुरुआत में ही घरेलू स्तर पर स्टीम ले सकते हैं। गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर गरारें कर सकते हैं। इससे काफी राहत मिलेगी। पानी बहुत ज्यादा गर्म न हो और नमक बहुत ज्यादा न हो।

गला खराब हो तो मौन व्रत रखें, अधिक खट्टे खाद्य पदार्थ न खाएं

अगर किसी का गला खराब है, तो गले को आराम देने के लिए कम बोलना चाहिए, ऊंचा नहीं बोलना चाहिए। क्योंकि, जितना अधिक और ऊंचा बोलेंगे गले पर जोर पड़ेगा। इस तरह की स्थिति में गले को रेस्ट देनी जरूरी है। जिन लोगों का गला खराब है, उनको यही सलाह होगी कि वह कुछ घंटों के लिए मौन व्रत रखें। वहीं दूसरी और अगर किसी का गला पहले से ही खराब है तो उसे बहुत ज्यादा खट्टी चीजें नहीं खानी चाहिए।

जिन्हें खांसी, जुकाम की समस्या हो, वह दूर से ही नमस्ते करें

कोई भी इंफेक्शन छूने से बढ़ता है। खासकर, हाथ मिलाने से इंफेक्शन बहुत फैलता है। ऐसे में जिन लोगों को खांसी, जुकाम की शिकायत होती है, उन्हें परहेज करना चाहिए, जिससे कि दूसरे लोगों तक बीमारी न पहुंचे। ऐसे में खांसी जुकाम से पीड़ित लोगों को यही सलाह होगी कि किसी से मिलने पर हाथ मिलाने की बजाएं दूर से ही हाथ जोड़कर नमस्ते करें। ऐसा करके वह दूसरों को इंफेक्शन से बचा सकते हैं।

इंफ्लूएंजा या निमोकोकल वैक्सीनेशन जरूर करवाएं

जिन लोगों को बार-बार खांसी, जुकाम, श्वास व छाती रोग संबंधी समस्याएं आती हैं, उन्हें इंफ्लूएंजा या निमोकोकल वैक्सीनेशन जरूर करवानी चाहिए, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो, उन्हें भी यह वैक्सीनेश्न करवा लेनी चाहिए। यह वैक्सीनेशन कोई भी करवा सकता है, लेकिन हम ज्यादातर यह वैक्सीनेशन करवाने के लिए बार-बार बीमार होने वाले लोगों को ही कहते हैं। वैक्सीनेशन चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही करवानी चाहिए।

सुबह शाम ठंड, दोपहर में गर्मी। ऐसे में बहुत से लोगों ने दोपहर में पंखे चलाने शुरू कर दिए हैं। जब यह लोग घर से बाहर आते हैं, तो उन्हें सर्द गर्म की शिकायत हो रही है, जिसके चलते सर्दी, खांसी, जुकाम की चपेट में आ रहे हैं। लोगों से अपील है कि जब तक तापमान में उतार चढ़ाव चल रहा है, तब तक पंखे, कूलर व एसी न चलाएं। जरूरत महसूस हो तो अचानक घर से बाहर न निकलें। पहले शरीर के तापमान को सामान्य होने दें।

डॉ. अविनाश जिंदल, एसएमओ व मेडिसन विशेषज्ञ

दिन में गर्मी तो रात को सर्दी महसूस होती है। ऐसे में खान-पान या फिर गर्म कपड़े पहनने को लेकर की गई लापरवाही से किसी की भी सेहत खराब हो सकती है। लोगों को सलाह है कि गर्म कपड़े एकदम से उतार कर अलमारियों में न रखें।

डॉ. आरके शर्मा, मेडिसन विशेषज्ञ

पिछले दस दिन से तीन चार दिन गर्मी, तो तीन चार दिन ठंड हो रही है। ज्यादातर छोटे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर महिलाएं बीमार हो रही हैं। ऐसे में सलाह हैं कि जब तक ठंड महसूस हो रही है, तब तक गर्मियों वाले कपड़े पहनने से परहेज करें। कहते हैं कि आती हुई और जाती हुई ठंड अच्छी नहीं होती। मार्च तक ठंडे खाद्य पदार्थ और ठंडा पानी, कोल्डड्रिंक, कोल्ड कॉफॅी लेने से परहेज करें। क्योंकि इससे गला खराब हो सकता है। केवल नॉर्मल या गुनगुना पानी पीएं।

डॉ. गुरमीत सिंह, मेडिसन विशेषज्ञ


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