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अब भिखारी मुक्त शहर की तरफ पुलिस कमिश्नर के कदम

अतिक्रमण मुक्त के बाद अब पुलिस शहर को भिखारी मुक्त करने के लिए निकल पड़ी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 06:15 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 06:15 AM (IST)
अब भिखारी मुक्त शहर की तरफ पुलिस कमिश्नर के कदम
अब भिखारी मुक्त शहर की तरफ पुलिस कमिश्नर के कदम

जासं, लुधियाना : अतिक्रमण मुक्त अभियान के बाद अब कमिश्नरेट पुलिस शहर को भिखारीमुक्त करने के लिए निकल पड़ी है। सड़कों से भिखारियों को हटाने के लिए काम शुरू कर दिया गया है।

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पुलिस ने इसके लिए शहर के चौराहों और बाजारों का सर्वे भी करवाया है और इसके तहत ही कार्रवाई की गई है। पुलिस ने पहले दिन 53 भिखारियों को उठाया है और उनकी स्क्रीनिग कर उन्हें उनके एरिया में भेज दिया गया है। पुलिस का मानना है कि यह भिखारी अचानक सड़क पर आ जाते हैं और हादसों का कारण बनते हैं। यही नहीं लुटेरे रात को सड़कों पर भिखारियों के साथ सोते हैं और सुबह छीना-झपटी व अन्य वारदातों को अंजाम देते हैं। ये भिखारी समार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम में भी बाधा बने हुए हैं। एकत्र हो रहा फोटो समेत डाटा

पुलिस की तरफ से बसों में भिखारियों को पुलिस लाइन में ले जाया गया। यहां पर सभी का डाटा एकत्र किया। सभी का परफॉर्मा बनाया है, जिस पर फोटो भी लगाई है। सभी से उनके लुधियाना में रहते रिश्तेदारों और उनकी रिहायश के बारे में पता किया गया है। उन्हें अपने इलाके में जाने के लिए कहा गया। फिर दिखे तो दर्ज होगी एफआईआर

सीपी राकेश अग्रवाल ने धारा 144 के तहत आदेश जारी किए हैं। आदेशों में कहा है कि भीख मांगना अपराध है। इसके आधार पर ही भिखारियों को उठाकर उनकी जानकारियां जुटाने के साथ-साथ उन्हें चेतावनी भी दी जा रही है। अगर ये भिखारी चेतावनी के बाद भी एरिया में दिखते हैं तो उनके खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। लोगों से अपील, न द दान में खाना और पैसे

पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है कि लोग ऐसे भिखारियों को सड़कों पर खाना और पैसे नहीं दें, इससे भिखारियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और यह लोग ही क्राइम बढ़ने का जरिया हैं। शहर में हैं 1170 भिखारी

पुलिस के करवाए सर्वे सें सामने आया कि मंदिरों और चौराहों के बाहर भिखारियों की संख्या बेहद ज्यादा है। यह लोग वहीं बैठकर भीख मांगते हैं और इनमें से आपराधिक छवि वाले लोगों को ढूंढ़ना मुश्किल होता है। सर्वे में ये तथ्य सामने आए

स्थान संख्या क्यों हैं यहां पर भिखारी

दुर्गा माता मंदिर नजदीक जगराओं पुल 200 लोग घर से खाना बनाकर लाते हैं और उन्हें बांटते हैं, इसलिए यहां ज्यादा इक्ट्ठ रहता है।

दुर्गा माता मंदिर सराभा नगर 50 खाना लाने वालों की संख्या कम, प्रसाद बांटने वालों की ज्यादा।

बस स्टैंड 70 यहां पर भिखारी भीख मांगने के साथ जेब काटने और चोरी की वारदातें करते हैं।

कृष्णा माता मंदिर मॉडल टाउन 150 खाना लाने वालों की संख्या कम, प्रसाद बांटने वालों की ज्यादा।

रेलवे स्टेशन 250 भीख मांगने के साथ जेब काटने और चोरी की वारदात करते हैं।

घंटा घर चौक 60 चल-फिरकर भीख मांगते हैं और जेब काटने और लूट की वारदात को अंजाम देते हैं।

माता रानी चौक 80 चल-फिरकर भीख मांगते हैं। जेब काटने और लूट की वारदात को अंजाम देते हैं।

जालंधर बाईपास 10 मंगते घूमकर मांगते हैं और लूट की वारदात करते हैं।

सबजी मंडी जालंधर बाईपास 20 मंगते घूमकर मांगते हैं और लूट की वारदात करते हैं।

बस्ती जोधेवाल चौंक 50 भिखारी चल-फिर कर भीख मांगने के साथ साथ जेब काटते हैं।

समराला चौक 20 भिखारी चलते-फिरते भीख मांगते हुए जेब भी काटते हैं।

वर्धमान चौक चंडीगढ़ रोड 20 भिखारी चल-फिरकर भीख मांगने के साथ-साथ जेब काटते हैं।

भाईबाला चौक 40 भिखारी चल फिर कर भीख मांगने के साथ-साथ जेब काटते हैं।

भारत नगर चौक 10 भिखारी भीख मांगने के साथ-साथ जेब काटते हैं।

डंडी स्वामी चौक 40 खाना लाने वालों की संख्या कम, प्रसाद बांटने वालों की ज्यादा। इस लिए यहां ज्यादा इक्ट्ठ रहता है।

फील्डगंज बाजार 20 भिखारी भीख मांगने के साथ जेब काटते हैं।

दुगरी लाइट वाला चौक 20 भिखारी चल-फिरकर भीख मांगते और चोरी करते हैं।

प्रीत पैलेस 30 भिखारी चल-फिर कर भीख मांगने के साथ-साथ जेब काटते हैं।

काली माता मंदिर 30 भिखारी भीख मांगने के साथ-साथ जेब काटते हैं।


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