चर्चा ए आमः बीस हजार की साइकिल चोरी, चोर पकड़वाने वाले को इक्कीस हजार इनाम
मालिक का कहना है कि इससे पहले भी घर से कई वस्तुएं चोरी हो चुकी हैं। अब मामला साइकिल के नुकसान का नहीं रहा। अब तो यह देखना है कि कौन सा घर का राजदार है।
लुधियाना [राजेश शर्मा]। जितने की चोरी हुई हो और चोर को पकडऩे के लिए उससे अधिक की राशि इनाम के तौर पर रख दी जाए तो हैरानी और परेशानी होना स्वभाविक है। शहर में ऐसा ही एक रोचक मामला सामने आया है। कारोबारी ऋषि जैन के घर से बीस हजार रुपये की स्पोर्ट्स साइकिल चोर उड़ा ले गए। सीसीटीवी खंगाला तो कुछ क्लू भी मिल गए। साइकिल के मालिक ने चोर को पकड़वाने के लिए 21 हजार रुपये की इनामी राशि घोषित कर दी। चोरी हुई साइकिल से ज्यादा इनामी राशि की बात समझ में नहीं आई तो जवाब जानने के लिए ऋषि जैन से संपर्क किया तो उन्होंने राज खोला। जवाब मिला कि इससे पहले भी घर से कई वस्तुएं चोरी हो चुकी हैं। अब मामला साइकिल के नुकसान का नहीं रहा। अब तो यह देखना है कि कौन सा घर का राजदार है जो वस्तुओं पर हाथ साफ कर रहा है।
शेयर होने लगी पुरानी तस्वीरें
अक्सर लोग उगते हुए सूरज को ही नमस्कार करते हैं। पंजाब में हाशिए पर जा चुकी आम आदमी पार्टी को जैसे ही दिल्ली में जीत मिली मानो पार्टी को संजीवनी मिल गई। ज्यों ही चुनाव के नतीजे सामने आने शुरू हुए लोगों ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ खिंचवाए पुराने फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने शुरू कर दिए। बात यहींनहीं थमी, कभी आम आदमी पार्टी व अन्ना हजारे आंदोलन के दौरान सफेद टोपियां पहन कर खिंचवाए फोटो भी सोशल मीडिया पर देखी जाने लगी, क्योंकि लोगों को आभास हो रहा है कि अब आम आदमी पार्टी का अगला निशाना पंजाब ही होगा। लोग चर्चा कर रहे थे कि यह तो जीत का जलवा है भाई साहब। अगर आम आदमी पार्टी की हार हो जाती तो इन फोटो को कोई नहीं निकालता और इसकी बजाए अरविंद केजरीवाल सहित अन्य आप नेताओं के मीम सोशल मीडिया पर घूम रहे होते।
इमाम साहब बिरयानी भी खिलाएंगे क्या
दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लुधियाना में भी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध का फैसला शाही इमाम ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सुना दिया। जगह भी जालंधर बाईपास तय कर ली गई। फील्डगंज की जामा मस्जिद में यह जानकारी देते हुए शाही इमाम ने तर्क दिया कि जालंधर बाईपास का चुनाव इसलिए किया गया है क्योंकि वहां संविधान निर्माता डॉक्टर बीआर आंबेडकर की प्रतिमा लगी है। मामला संविधान का है तो जगह भी उसके रचयिता की चुनी गई। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने चुटकी लेते हुए शाही इमाम से पूछ लिया कि धरना स्थल पर बिरयानी भी मिलेगी क्या? हाजिर जवाब शाही इमाम ने भी कह दिया हां क्यों नहीं, लेकिन कुछ खास किस्म के स्वभाव वाले लोग जिन्होंने शाहीन बाग में बिरयानी बंटने जैसी अफवाह फैलाई थी, उनके स्वागत के लिए हमने लुधियाना के शाहीन बाग में खास व्यवस्था भी कर रखी है।
पकड़े गए तो राज खुला
लोधी क्लब रिसेप्शन पर ड्यूटी के लिए कर्मचारियों को सिफारिश लगवानी पड़ती थी। सदस्य भी हैरान थे कि आठ घंटे की चौकस ड्यूटी के लिए आखिर सिफारिश क्यों, जबकि क्लब में कई ऐसे पद हैं जहां पर काम नाम मात्र का था, लेकिन फिर भी तैनाती के लिए कोई सिफारिश नहीं। खैर इसका राज पिछले महीने ही खुल गया। हुआ यूं कि बार में कुछ गेस्ट खाने का बिल चुकाए बिना ही चले गए। उनको ढूंढऩे के लिए सीसीटीवी रिकॉर्डिंग खंगाली जा रही थी। जब रिसेप्शन की बारी आई, वहां कर्मचारी जेब में रुपये रखते मिले। कुछ और तलाशा तो रात को दोनों कर्मचारी रुपये का बंटवारा करते दिखे। प्रबंधन ने पूछा तो कर्मचारियों ने माना कि बिना रसीद दिए बिना गेस्ट फीस लेकर वह जेब में डाल लेते थे। इस एक्स्ट्रा आमदन ने राज खोल दिया कि क्यों कर्मचारी रिसेप्शन की ड्यूटी के लिए इतनी मारामारी कर रहे थे।