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आरसीईपी के शिकंजे से साइकिल उद्योग को बचाने की गुहार

ड्यूटी फ्री आयात निर्यात को लेकर किए समझौते से साइकिल उद्योग में हड़कंप मचा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 07:44 AM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 06:14 AM (IST)
आरसीईपी के शिकंजे से साइकिल उद्योग को बचाने की गुहार
आरसीईपी के शिकंजे से साइकिल उद्योग को बचाने की गुहार

जासं, लुधियाना : केंद्र सरकार की ओर से रीजनल कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप-आरसीईपी के तहत पंद्रह देशों के साथ ड्यूटी फ्री आयात-निर्यात को लेकर किए समझौते से साइकिल उद्योग में हड़कंप मचा है। उद्यमियों का तर्क है कि पहले ही चीन ने उद्योग की नींव हिला कर रख दी है, यदि ड्यूटी फ्री चीन का माल देश में आया तो यहां के उद्योग बंदी के कागार पर पहुंच जाएंगे। इससे परेशान साइकिल उद्यमियों के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता फीको के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने की। उद्यमियों ने केंद्रीय मंत्री को अपनी आशंकाओं एवं इस समझौते के बाद साइकिल उद्योग को आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया। इस पर सोम प्रकाश ने भरोसा दिलाया कि मेक इन इंडिया की कीमत पर चीन को किसी भी सूरत में प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में यूनाइटेड साइकिल एंड पा‌र्ट्स मेन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान डीएस चावला, बराडो के प्रधान मनजिदर सिंह सचदेवा इत्यादि भी मौजूद रहे। उद्यमियों ने बताया कि साफ्टा देशों के साथ हुए समझौते के चलते भी उद्योग पर बुरा असर हो रहा है। इस समझौते का दुरुपयोग कर चीन से अंडर वैल्यू उत्पाद देश में आयात किए जा रहे हैं। इसके अलावा वैश्विक मंदी ने भी उद्योग जगत के हाथ खड़े कर रखे हैं। गुरमीत कुलार ने कहा कि फिलहाल साइकिल पर तीस फीसद और पा‌र्ट्स पर बीस फीसद कस्टम ड्यूटी लगी है, बावजूद इसके चीन से मुकाबला करना कठिन हो रहा है। यदि आरसीईपी समझौते पर अमल होता है तो घरेलू साइकिल एवं पा‌र्ट्स उद्योग जीरो ड्यूटी पर आने वाले सस्ते आयात का मुकाबला नहीं कर पाएगा। चीन के साइकिल एवं पा‌र्ट्स पहले ही पंद्रह से बीस फीसद तक सस्ते हैं, जोकि यहां के उद्योग के लिए चुनौती बने हुए हैं। यहां की इंडस्ट्री इस कद्र सस्ते उत्पादों के मुकाबले नहीं टिक सकती। कुलार ने यह भी समझाया कि एक तरफ अमेरिका एवं यूरोप ने चीन में बने साइकिल एवं पा‌र्ट्स पर 67 फीसद ड्यूटी लगा दी है, लेकिन केंद्र सरकार घरेलू उद्योगों को बचाने की बजाए उनको बर्बाद करने पर तुली है। चीन की चुनौती को खत्म करने के लिए सरकार को साइकिल एवं पा‌र्ट्स पर सेफगार्ड ड्यूटी लगानी होगी। मनजिदर सिंह सचदेवा ने कहा कि आरसीईपी से घरेलू उद्योगों को केवल नुकसान ही होगा। साइकिल उद्योग के साथ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर पांच लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। यदि आरसीईपी लागू हुआ तो बेरोजगारी में बेतहाशा इजाफा होगा। उद्यमियों ने हर बिदु पर पूरे तर्को के साथ केंद्रीय मंत्री को अपडेट कर राहत की गुहार लगाई। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस बाबत वे शीघ्र ही वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत करेंगे और इस मुद्दे के समाधान का प्रयास करेंगे।

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