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जनाब! रास्ता ही बदल लो आप, सड़कों पर पशु खड़े हैं बनकर यमराज Ludhiana News

खन्ना शहर का शायद ही कोई इलाका हो जहां इन पशुओं की दहशत न हो। नेशनल हाईवे से लेकर गली-मोहल्लों तक हर जगह इनका जमावड़ा लगा रहता है।

By Edited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 02:18 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 03:14 PM (IST)
जनाब! रास्ता ही बदल लो आप, सड़कों पर पशु खड़े हैं बनकर यमराज Ludhiana News
जनाब! रास्ता ही बदल लो आप, सड़कों पर पशु खड़े हैं बनकर यमराज Ludhiana News

खन्ना [सचिन आनंद]। शहर की सड़कों पर बेसहारा पशु यमराज बनकर खड़े रहते हैं। लेकिन इस समस्या के हल के लिए प्रशासन कुछ खास नहीं कर सका है। आलम यह है कि अब लोग भी यह समझ चुके हैं कि इस समस्या के प्रति लापरवाही का अपना रवैया प्रशासन नहीं बदलेगा, ऐसे में पशुओं से अगर बचना है तो खुद ही लोगों को अपना रास्त बदलना पड़ेगा। क्योंकि यमराज के रूप में शहर की सड़कों पर खड़े पशु कईयों की जान भी ले चुके हैं।

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खन्ना शहर का शायद ही कोई इलाका हो जहां इन पशुओं की दहशत न हो। नेशनल हाईवे से लेकर गली-मोहल्लों तक हर जगह इनका जमावड़ा लगा रहता है। कई बार तो इनकी वजह से हाईवे पर जाम ही लग जाता है। इनकी वजह से होने वाले हादसे अब आम बात बन गई है। रेलवे लाईन पार ललहेड़ी रोड, अमलोह रोड, खटीकां चौंक, पीरखाना रोड, मलेरकोटला रोड, समराला रोड पर आवारा पशुओं की भरमार है। शहर में दो गोशालाएं पहले से चल रहीं है और तीसरी गोशाला नगर कौंसिल के सहयोग से बघौर में बन रही है। इसके बावजूद कोई कमी इन पशुओं की संख्या में नहीं आ रही है।

खन्ना की पशु मंडी है जिम्मेदार

शहर और आसपास के इलाकों में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या के लिए महीने में दो बार खन्ना में लगने वाली पशु मंडी को जिम्मेदार माना जाता है। इसे लेकर पिछले महीने भाजपा और शिवसेना पंजाब के नेताओं ने आंदोलन भी किया। उनका कहना था कि पशु मंडी की आड़ में लोग नकारा पशुओं को यहां छोड़ जाते हैं। भूख हड़ताल और हाईवे जाम करने के बाद भी केवल आश्वासन ही मिला। हिंदू महासभा के प्रदीप बावा की भूख हड़ताल भी प्रशासन के आश्वासन के बाद बंद कर दी गई, लेकिन न तो पशु मंडी का कोई हल हो रहा है और न ही शहर की सड़कों पर बेसहारा पशुओं की संख्या में कमी। भाजपा और शिवसेना ने 27 सितंबर तक का अल्टीमेटम प्रशासन को दे रखा है। हालांकि, आंदोलन के बाद कुछ पशुओं को पकड़ कर माछीवाड़ा साहिब की सरकारी गोशाला में जरूर छोड़ा गया है।

केस 1 - बेसहारा सांड की टक्कर से बुजुर्ग की गई थी जान

बीते 18 अगस्त को एक बेसहारा सांड ने शहर के बस स्टैंड के पास एक बुजुर्ग हरीश कुमार (60) को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई थी। हरीश कुमार खन्ना बस स्टैंड पर फलों की रेहड़ी लगाते थे और वो पैदल ही अमलोह रोड के न्यू मॉडल टाऊन स्थित अपने घर से रेहड़ी लगाने अड्डे पर जा रहा था।

केस 2 - पशु से टकरा कर बाइक सवार की हुई थी मौत

31 जुलाई को करियाना दुकानदार रहीम बख्श (43) पुत्र फजलदीन निवासी गांव रौणी को माल लेने दिल्ली जाना था। वह तड़के करीब सवा दो बजे अपने मोटरसाइकिल पर घर से खन्ना के लिए निकला। जब वह रसूलड़ा माजरी सुआ पुली के पास पहुंचा तो अचानक मोटरसाइकिल के आगे बेसहारा पशु आ गया। पशु से टकराकर मोटरसाइकिल सवार रहीम बख्श गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

केस 3 - ट्रेन के कटकर मर गया था बेसहारा पशु

बेसहारा पशु अब रेलवे के लिए भी मुसीबत बन कर सामने आए हैं। खन्ना रेलवे स्टेशन के आसपास के शहरी इलाके में रेलवे ट्रैक पर झुंड बनकर घूम रहे बेसहारा पशुओं की वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं। 23 जुलाई की रात को भी ललहेड़ी रोड रेलवे ओवरब्रिज के पास ट्रेन के आगे लावारिस पशु आया और ट्रेन से कटकर उसकी मौत हो गई। रेलवे कर्मियों ने मृत पशु को ट्रैक से हटाकर इसे क्लीयर किया। प्रशासन को कोसने के अलावा कोई और चारा नहीं।

बाजार जाना खतरे से खाली नहीं: सोनिया कौशल

उच्चा वेहड़ा निवासी और हे¨ल्पग हैंड संस्था से जुड़ी गृहणी सोनिया कौशल ने कहा कि महिलाओं का बाजार तक जाना भी अब जोखिम से भरा हो गया है। पता ही नहीं चलता कि किस मोड़ पर आप पर कोई बेसहारा पशु हमला कर दे। प्रशासन और सरकार को गंभीरता से इसका हल सोचना चाहिए। स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चों के लिए भी खतरा बना रहता है।

मामला हाइकोर्ट लेकर जाएंगे : बांसल संस्था

लोक सेवा क्लब के प्रधान पीडी बांसल का कहना है कि लोगों की जानें जा रही हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। अगर किसी की आवारा पशुओं की वजह से जान जाती है तो प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। इसके बाद ही अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। बांसल ने कहा कि अगर समस्या का हल जल्द नहीं हुआ तो वे हाईकोर्ट जाएंगे।

हाइवे पर बना रहता है डर : अंकुर

ट्रांसपोर्टर अंकुर गोयल का कहना है कि वे रहते खन्ना में हैं, लेकिन उनकी ट्रांसपोर्ट कंपनी मंडी गो¨बदगढ़ में हैं। वे रोजाना अपनी कार से मंडी गो¨बदगढ़ जाते हैं और शाम को लौटते हैं। इस दौरान उन्हें डर लगा रहता है कि कहीं कोई बेसहारा पशु उनकी कार के आगे न आ जाए। घरों के बाहर कार खड़ी करने से भी डर लगता है।

बेसहारा पशुओं से फसलों को भी खतरा : गरेवाल

भारतीय किसान यूनियन (मीयांपुर) के जिला प्रधान हरजीत सिंह गरेवाल ने कहा कि गांवों में घूम रहे बेसहारा पशु किसानों की फसलों को खराब कर रहे हैं। इसे लेकर कईं आंदोलन चलाए गए और पशुओं को सरकारी दफ्तरों में छोड़ने भी आए, लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। किसान इन्हें लेकर खुद को असहाय महसूस कर रहा है।

गोशाला बनने पर होगा हल: ईओ

खन्ना नगर कौंसिल के ईओ रणबीर सिंह ने कहा कि बघौर में एक संस्था को नगर कौंसिल ने गोशाला के लिए जगह दी है। वहां शेड लगाने का काम चल रहा है। जल्द ही गोशाला तैयार हो जाएगी। उसके बाद आवारा पशुओं को पकड़ कर वहां ले जाया जाएगा। ईओ ने कहा कि पशु मंडी को लेकर भी उच्चाधिकारी कोई हल निकालने में लगे हैं। उम्मीद है जल्द ही यह समस्या दूर होगी।

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