देश में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए भ्रष्टाचार को खत्म करना जरूरी : सुरेश कुमार
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में आयोजित 13वें इंडो जैपनीज डायलॉग ऑन इंडियन इकोनॉमिक डेवलपमेंट में पहुंचे थे।
लुधियाना, जेएनएन। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार ने कहा कि राजनीति में तो समझौते हो सकते हैं, लेकिन अर्थनीति में कोई समझौता नहीं हो सकता। अर्थनीति मजबूत होगी, तभी देश मजबूत होगा और तरक्की करेगा। यह तभी होगा जब सरकार की नीतियां स्थिर, मजबूत और प्रशासनिक ढांचा करप्शन मुक्त होगा।
सुरेश कुमार पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में आयोजित 13वें इंडो जैपनीज डायलॉग ऑन इंडियन इकोनॉमिक डेवलपमेंट में पहुंचे थे। इस डायलॉग में भारत के अर्थशास्त्रियों के अलावा जापान के अर्थ शास्त्री मौजूद थे। दोनों देशों के अर्थशास्त्रियों ने इंडियन इकोनॉमी किस तरफ चल रही है, उसमें एग्रीकल्चर का क्या रोल होगा। एग्रीकल्चर को अधिक ससटेनेबल बनाने और कम पानी में ज्यादा एग्रीकल्चर प्रोडक्शन लेने पर चर्चा हुई।
चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने कहा कि हमारे देश में रिसोर्सेज की कोई कमी नहीं हैं। देश विकास के शिखर को छू सकता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि हमारे देश में करप्शन बहुत है। करप्शन ही देश में विकास की गति को रोक रहा है। अगर देश की रफ्तार को आगे बढ़ाना है तो करप्ट प्रेक्टिस को पूरी तरह से खत्म करना होगा। कभी दूसरे देशों पर निर्भर थे, आज हम दूसरे देशों की मदद कर रहे चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार ने कहा कि तीन दशक पहले सरकारें स्थिर थीं, बेहतर पॉलिसी बनाई गई थी। बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए निवेश किए गए थे। इसी का परिणाम है कि हमने अपने देश में इतना अनाज पैदा किया कि हम आत्मनिर्भर हो गए। एक समय ऐसा था, जब हमें दूसरे देशों से अनाज मंगवाना पड़ता था। मैक्सिको से आने वाली गेहूं का भारत में इस्तेमाल होता था, लेकिन आज हम इतने सक्षम हो गए हैं कि दूसरे देशों में निवेश की स्थिति में हैं। दूसरे देशों को मदद दे रहे हैं।
नोटबंदी के कारण रोजगार छीना
चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार ने नोटबंदी पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में नोटबंदी के कारण रोजगार छिन गया है। क्योंकि लोगों को इसकी बेहद कम जानकारी थी और उससे संसाधन कमजोर हुए। जहां महिलाएं काम कर रही है, वहां साफ सुथरा प्रशासनिक कार्य होता है। सुदेश कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार के साथ काम करने का उन्हें 42 साल का अनुभव है। उन्होंने देखा है कि जहां महिलाएं काम कर रही हैं, वहां साफ सुथरा प्रशासनिक कामकाज होता है। परफॉर्मेस बेहतर होती है।
लुधियाना में भी दिल्ली जैसा ट्रैफिक
प्रिंसिपल चीफ सेक्रेटरी ने लुधियाना के सड़कों की ट्रैफिक की तुलना नई दिल्ली से की। उनका कहना था कि जिस तरह दिल्ली में ट्रैफिक बढ़ा है, उसी तरह लुधियाना की सड़कों पर भी बढ़ा है। लुधियाना की सड़कों पर भविष्य में आने वाली समस्याओं को ध्यान में रख अभी से योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा।
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