सेंट्रल बैंक में किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाशत नहीं : पांडा
सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस नीति है।
जासं, लुधियाना : सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस नीति है। पिछले एक साल से बैंक में भ्रष्टाचार के 150 मामले सामने आए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। यह जानकारी बैंक के चीफ विजीलेंस अफसर पुरुषोत्तम पांडा ने शुक्रवार सुबह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल दफ्तर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी।
सीवीओ ने कहा कि लोगों को बैंक कर्मियों द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर जागरूक किया जा रहा है। कांफ्रेंस के बाद उन्होंने रीजन के अधिकारियों के साथ बैठक की और उनको भ्रष्टाचार मुक्त एवं पूरी पारदर्शिता से काम करने के लिए प्रेरित किया।
पांडा ने कहा कि केंद्र सरकार भ्रष्टाचार को लेकर सख्त है। पिछले कुछ दिनों में सरकार ने इस मुद्दे पर कड़े कदम उठा कर सख्त संदेश दिया है। सेंट्रल बैंक में भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि कस्टमर मीट एवं अन्य सेमिनारों एवं कार्यक्रमों में लोगों को भी भ्रष्टाचार से दूर रहने को प्रेरित किया जा रहा है।
पांडा ने कहा कि बैंक में भ्रष्टाचार के ज्यादातर केस लोन देने की प्रक्रिया में सामने आए हैं। जबकि लुधियाना रीजन में कुछ केस लोन लेने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने के भी मामले आए हैं। लोग लोन लेने के लिए कई बार फर्जी दस्तावेज लगाते हैं। इनकी पड़ताल की जा रही है। इस अवसर पर बैंक के रीजनल मैनेजर मनोज कुमार सक्सेना, असिस्टेंट जनरल मैनेजर महिंदर सिंह, चीफ मैनेजर उमेश सिंह, विजीलेंस अफसर अमरीक सिंह और असिस्टेंट मैनेजर अंकुर महाजन भी मौजूद रहे।