सरकारी स्कूलों में मेरिट बढ़ाने को शिक्षा विभाग चलाएगा 'इच वन, अडॉप्ट वन' अभियान, जानें क्या है याेजना
शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए ईच वन ब¨रग वन मुहिम शुरू की गई थी।
लुधियाना, [आशा मेहता]। शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए 'इच वन, अडॉप्ट वन' मुहिम शुरू की गई थी। इसके तहत अध्यापकों ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने को लेकर अपनी पूरी ताकत झाेंक दी थी। इस साल से शिक्षा विभाग एक नया अभियान चलाएगा। इसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में छात्राें की मेरिट की संख्या को बढ़ाना होगा। इसे नाम दिया गया है 'इच वन, अडॉप्ट वन' अभियान। मंगलवार को डिप्टी स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर (डीएसपीडी) सुभाष महाजन ने मालवा खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल मॉडल में इस अभियान को लेकर सरकारी स्कूलों के हेड मास्टर व प्रिंसिपलों के साथ मीटिंग की। पहली मीटिंग उन स्कूलों के साथ हुई, जिन्होंने इस साल दसवीं कक्षा के परिणामों में सौ प्रतिशत परिणाम दिया। सुभाष महाजन ने कहा कि जिस तरह से इस साल सरकारी स्कूलों के शानदार परिणाम आए हैं, उससे सरकारी स्कूलों को लेकर चली आ रही धारणा खत्म हो गई है।
एजुकेशन सेक्रेटरी कृष्ण कुमार के दिशा-निर्देशों में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों व स्टूडेंट्स की मेहनत के चलते दसवीं व बारहवीं के परीक्षा परिणाम एफिलिएटेड, एसोसिएटेड, आदर्श स्कूलों से भी कहीं बेहतर रहे हैं। सरकारी स्कूलों के विद्याथियों ने मैरिट में टॉप रैंक पाकर अपनी जगह बनाई है। इस उपलब्धि को आगे भी बरकरार रखने और वर्ष 2020 में मैरिट सूची में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए अब विभाग 'इच वन, अडॉप्ट वन' अभियान चलाएगा।
हर स्कूल से कम से कम सात-सात विद्यार्थी चुने जाएंगे
इस नए अभियान के तहत हाई व सीनियर सेकेंडरी सरकारी स्कूलों के शिक्षक बोर्ड की परीक्षाओं के लिए अपने-अपने स्कूल से होनहार विद्यार्थियों को अडॉप्ट करेंगे। हर स्कूल से कम से कम सात-सात विद्यार्थियों को मैरिट के लिए तैयार किया जाएगा। यह संख्या अधिक भी हो सकती हैं। जिन विद्याथियों को मैरिट के लिए तैयार किया जाएगा, उनके लिए स्पेशल एजूकेशन मटीरियल तैयार किया जाएगा। एकस्ट्रा एक्टिविटी करवाई जाएगी। उनकी कमजोरियों को दूर किया जाएगा। इस तरह समझें उदाहरण के तौर पर अगर साइंस के अध्यापक ने किसी स्टूडेंट को अडॉप्ट किया है, तो मेरिट के लिए चुने गए स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी उसकी होगी। हालांकि, दूसरे अध्यापक उक्त स्टूडेंट्स को रूटीन में अपने-अपने सब्जेक्ट पढ़ाएंगे। अगर किसी सब्जेक्ट में मेरिट के लिए चुना गया स्टूडेंट्स कमजोर है, तो साइंस का अध्यापक क्लास वर्क के साथ-साथ दूसरे विषय अध्यापकों व पेरेंट्स के साथ मीटिंग करके उस स्टूडेंट्स की कमजोरी को दूर करने की कोशिश करेगा।
जिले के 61 सरकारी स्कूलों ने हामी भरी
मालवा खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल मॉडल में हुई इस मीटिंग में इच वन, अडॉप्ट वन' अभियान के तहत लुधियाना के 61 सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों व हेड मास्टर ने 100 के करीब विद्यार्थी मेरिट के लिए तैयार करने की हामी भरी है। सबसे अधिक जीएचएस बाबरपुरा ने 21 विद्यार्थी मेरिट के लिए तैयार करने की बात कही। इसके लिए डिप्टी स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुभाष महाजन ने उनकी सराहना की। इसके अलावा जीजीएसएसएस मलौद व जीएसएसएस बीबीपुरा ने आठ-आठ विद्यार्थी मेरिट के लिए तैयार करने की बात कही।
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