यहां हर 5वां युवा अस्थमा की एलर्जी का शिकार, जानें किस वजह से बढ़ रहा रोग
इस प्रमुख औद्योगिक नगरी में हर 5वां युवा और 10वां बच्चा अस्थमा की एलर्जी से पीड़ित है। शहर में यह बीमारी बढ़ी तेजी से आगे बढ़ रही है।
जेएनएन, लुधियाना। लुधियाना में हर 5वां युवा और 10वां बच्चा अस्थमा की एलर्जी से पीड़ित है। शहर में यह बीमारी बढ़ी तेजी से आगे बढ़ रही है। कुछ लोगों को हल्की सी धूल उड़ने, फूलों की खुशबू और कुत्तों के छूने पर छींक या सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ज्यादातर लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते और धीरे-धीरे अस्थमा के रोगी बन जाते हैं। लुधियाना मोस्ट पॉल्युटेड सिटी होने के कारण धूल, फैक्टरी की चिमनी और गाडि़यों से निकलने वाला धुंआ, गेहूं या धान की कटाई के दौरान उड़ने वाली धूल से भी एलर्जी हो रही है। कई मामलों में यह बीमारी वंशानुगत हो रही है। यह जानकारी डॉ: पिनाक मोदगिल ने फोर्टिस अस्पताल में विश्व अस्थमा दिवस को लेकर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में दी।
गाड़ियों का धुआं बना रहा रोगी
लगातार बढ़ रही गाड़ियों की संख्या और उनसे निकलने वाला धुंआं लोगों को अस्थमा का रोगी बना रहा है। इसके साथ ही धूल, धुआं और ब्यूफिकेशन के सामान से होने वाली एलर्जी भी अस्थमा का कारण बनती है।
जानलेवा बन जाता है यह रोग
फोर्टिस अस्पताल लुधियाना में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम के दौरान पल्मोनोलॉजी, चेस्ट एंड स्लीप मेडिसन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि दुनिया भर में लोगों को जागरूक करने के लिए मई के पहले मंगलवार को अस्थमा दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि फेफड़ों में किसी भी कारण से होने वाली एलर्जी को ब्रोन्कियल अस्थमा कहा जाता है। कई बार यह जानलेवा भी बन जाती है। अस्थमा को पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन इसके कारणों पर कंट्रोल करके लोगों को इससे बचाया जा सकता है।
यह हैं अस्थमा के लक्षण
एलर्जी होने पर फेफड़ों का मार्ग सिकुड़ जाता है। जिससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है। खांसी होना, सांस लेने में तकलीफ होना, बलगम या सीने में जकड़न होना ब्रोन्कियल अस्थमा के लक्षण हैं। इन्हेलर और दवाइयों से इसे केवल कंट्रोल किया जा सकता है। डॉ. पिनाक मोदगिल ने कहा कि फोर्टिस अस्पताल में अस्थमा दिवस पर अस्थमा क्लिनिक पैकेज लांच किया जा रहा है। जिसमें अस्थमा के मरीजों को उपचार के लिए चेस्ट एक्स-रे, पीएफटी और कंसल्टेंसी की सुविधाएं दी जाएंगी। लुधियाना मेडिवेज अस्पताल में जागरुकता कार्यक्रम के दौरान अस्थमा स्पेशलिस्ट डॉ. आरके गोयल ने कहा कि लगातार बढ़ रहा प्रदूषण लोगों को अस्थमा का मरीज बना रहा है।
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