शहर में 1920 अवैध कॉलोनियां, रेगुलर करने के लिए आए सिर्फ 559 आवेदन
अक्टूबर 2018 से अब तक सरकार चार बार आवेदन जमा करवाने की तिथि आगे बढ़ा चुकी है। चौथी डेडलाइन खत्म होने में महज छह दिन शेष रह गए हैं।
लुधियाना [राजेश भट्ट]। ग्रेटर लुधियाना एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी (ग्लाडा) के क्षेत्र में 31 मार्च, 2019 से पहले की 1920 अवैध कॉलोनियां हैं। सरकार कॉलोनाइजरों को इन्हें रेगुलर करवाने के लिए तारीख पर तारीख दे रही है लेकिन वे दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। अक्टूबर 2018 से अब तक सरकार चार बार आवेदन जमा करवाने की तिथि आगे बढ़ा चुकी है। चौथी डेडलाइन खत्म होने में महज छह दिन शेष रह गए हैं। इसके बावजूद 1920 में से सिर्फ 559 कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के आवेदन ग्लाडा के पास जमा हुए हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस बार फिर से कॉलोनाइजरों को मौका देती है या ग्लाडा अफसरों को कार्रवाई करने के आदेश देती है।
ग्लाडा के अधीन लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर, नवांशहर और जालंधर की फिल्लौर तहसीलें आती हैं। इस क्षेत्र में मार्च, 2018 से पहले कुल 1920 अवैध कॉलोनियां ग्लाडा के रिकॉर्ड में हैं। इसमें से सबसे ज्यादा लुधियाना जिले में है। लुधियाना शहर के आसपास 1431 जबकि खन्ना में 18 अवैध कॉलोनियां बनी हैं। लुधियाना-खन्ना की कुल 1449 अवैध कॉलोनियों में से 470 को रेगुलर करवाने के आवेदन जमा हुए हैं। इसी तरह फिल्लौर की 189 में से 33, मोगा की 69 में 11, फिरोजपुर की 73 में से 25 कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के लिए आवेदन जमा हुए हैं। यानी 1361 कॉलोनियां रेगुलर करवाने के आवेदन अभी तक जमा नहीं हुए।
कब-कब बढ़ाई गई डेडलाइन
2018 में कॉलोनियों को रेगुलर करवाने की पॉलिसी लांच हुई तो 17 फरवरी, 2019 तक आवेदन जमा करने की डेडलाइन तय की गई। 30 जून, 2019 तक दूसरी डेडलाइन तय की गई। फिर, 31 अक्टूबर 2019 तक फिर तीसरी डेडलाइन दी गई। अब 31 जनवरी, 2020 चौथी डेडलाइन है।
जिला अवैध कॉलोनियां आवेदन
लुधियाना-खन्ना 1449 470
फिल्लौर जालंधर 189 33
मोगा 69 11
फिरोजपुर 73 25
नवांशहर 148 20
कुल 1920 559
कॉलोनाइजर बोले, पॉलिसी सही तरीके से लागू नहीं हुई
कॉलोनाइजर एंड प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन पंजाब के महासचिव गुरविंदर सिंह का कहना है कि पंजाब सरकार ने जो पॉलिसी बनाई है, उसे जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अफसरों ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया कि इन कॉलोनियों पर रेरा एक्ट लागू होगा या नहीं। इसके अलावा ग्लाडा प्लॉट होल्डरों और कॉलोनाइजर, दोनों से पैसे वसूलने की फिराक में है। इस वजह से कॉलोनाइजरों ने आवेदन नहीं किया। उन्होंने कहा कि तृप्त रजिंदर बाजवा जब तक विभाग के मंत्री रहे, तब तक पॉलिसी पर विचार-विमर्श होता रहा और कई बार मीटिंग भी हुई। अब सुख सरकारिया के मंत्री बनने के बाद इस पर चर्चा ही नहीं की गई।
मार्च 2018 के बाद भी बनी अवैध कॉलोनियां
पंजाब सरकार ने 31 मार्च 2018 से पहले की कॉलोनियों को रेगुलर करवाने का मौका दिया है। उसके बाद भी सैकड़ों अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। ग्लाडा अफसरों की मानें तो मार्च 2018 के बाद बनी 50 के करीब कॉलोनियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। बाकी की कॉलोनियों को भी डिटेक्ट किया जा रहा है।
सरकार की तरफ से 31 जनवरी तक कॉलोनाइजरों को समय दिया गया है। हमारे पास सभी कॉलोनाइजरों का डाटा आ चुका है। अगर समय रहते आवेदन नहीं किया तो कॉलोनाइजरों के खिलाफ एक्ट के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। एक्ट में एफआइआर दर्ज करवाने का भी प्रावधान है।
-सोनम चौधरी, अस्टेट अफसर ग्लाडा।