लुधियाना रीजन में 17.62 लाख इंकम टैक्स रिटर्न, आयकरदाता मात्र 2.60 लाख Ludhiana news
पांच लाख तक कर छूट मिलने से लुधियाना में 50 हजार के अधिक करदाता इंकम टैक्स के दायरे से बाहर हो गए हैं।
लुधियाना, जेएनएन। पांच लाख तक कर छूट मिलने से लुधियाना में 50 हजार के अधिक करदाता इंकम टैक्स के दायरे बाहर हो गए हैं। ऐसे में जहां रिसेशन से नुक्सान हुआ है वहीं, अब पांच लाख तक की छूट से भी लुधियाना रीजन को कम राजस्व मिलेगा। ऐसे में विभाग की ओर से देश हित को ध्यान में रखकर करदाताओं को इंकम टैक्स रिटर्न भरने के साथ साथ स्वेच्छा से कुछ टैक्स जमा करवाने की कंपेन आरंभ करने की घोषणा की गई है।
लुधियाना रीजन के चीफ इंकम टैक्स कमिश्नर विनय कुमार झा ने कहा कि देश की तरक्की बिना टैक्स कलेक्शन से संभव नहीं। ऐसे में लुधियाना रीजन की ओर से एक अलग प्रयास कर लोगों को टैक्स जमा करवाने के लिए जागरूक किया जाएगा। पिछले साल लुधियाना में 17 लाख 62 हजार रिटर्न फाइल हुए हैं, इनमें से 15 लाख रिटर्न पांच लाख से नीचे हैं, जिनमें टैक्स देय नहीं है। ऐसे में केवल 2.60 लाख करदाता ही टैक्स देंगे। इसलिए हर किसी को जागरूक किया जाएगा कि वे पांच लाख से नीचे होने के बावजूद देश हित के लिए इंकम टैक्स में कुछ न कुछ योगदान जरूर दें।
उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से पर्यावरण के लिए वर्टिकल गार्डन, फौजियों को कार्ड और सात लाख बच्चों को स्वच्छ भारत की शपथ दिलाई गई है। इस दौरान विक्रम गौड़, डीएस चौधरी, जालंधर से डॉ.सिम्मी गुप्ता व ज्योति कुमारी मौजूद थे।
'घर' से हुई टैक्स जमा करवाने की शुरुआत
इसके साथ ही टैक्स जमा करवाने की शुरुआत विभाग के अधिकारियों से की गई है। इसमें अधिकारियों ने अपने बनते टैक्स से अधिक 1100 से 10 हजार रुपए जमा करवाए हैं, जिसका रिफंड वे नहीं लेंगे।
दर्जी की बेटी व पेंटर के बेटे ने पॉकेट मनी से जमा करवाए कर
चीफ इंकम टैक्स कमिश्नर ने बताया कि कुछ बच्चों ने भी अपनी पॉकेट मनी से देश हित में टैक्स जमा करवाया है। इसमें एक दर्जी की बेटी खुशी ने एक हजार और पेंटर के बेटे दिलीप ने एक हजार रुपए जमा किए हैं। इनकी भावना को देखते हुए स्कूलों में जाकर बच्चों को अपने अभिभावकों को प्रेरित करने के लिए कहा जाएगा।
3750 करोड़ कर वसूली का लक्ष्य
उन्होंने दावा किया कि मंदी के बावजूद लुधियाना जोन ने 5.4 प्रतिशत अधिक रेवेन्यू जेनरेट किया है। इस साल का 3750 करोड़ रुपए का लक्ष्य है, जोकि अभी दो हजार करोड़ हुआ है।
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