शार्टकट तरीके से हमेशा विफलता मिलती है : जज गुरबीर सिंह
जासं, जगराओं : न्यायधीश गुरबीर सिंह ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए निरंतर कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
जासं, जगराओं : न्यायधीश गुरबीर सिंह ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए निरंतर कड़ी मेहनत करनी चाहिए। शार्टकट तरीके से हमेशा विफलता ही हाथ लगती है। गुरबीर सिंह गुरु हरगोबिंद इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ फार वूमेन सिधवां खुर्द में आयोजित लीगल लिटरेसी क्लब विधिक साक्षरता संघ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।
लिटरेसी क्लब विधिक साक्षरता संघ का आयोजन विद्यार्थियों व ग्रामीणों के बीच कानूनी साक्षरता व जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया। लिटरेसी क्लब विधिक साक्षरता संघ का उद्घाटन जिला न्यायधीश व डीएलएसए, जिला न्यायालय लुधियाना के अध्यक्ष गुरबीर सिंह ने किया। उद्घाटन कार्यक्रम में श्री गुरु हरगोबिंद उजागर हरि संस्था के प्रबंधक हरदीप सिंह सुर, सदस्य कृपाल सिंह भट्ठल, कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.एसके नायक, समूह अध्यापक व विद्यार्थी उपस्थित रहे। कॉलेज में विधिक एवं सहायता लेने का मार्ग सुगम हो जाएगा।
लुधियाना में चेक बाउंसिग मामले अधिक : न्यायधीश गुरबीर सिंह ने कहा कि अदालतों में लंबित केसों का जल्द फैसला न होने की वजह दो पक्षों वकीलों व क्लाइंट्स का केस के मामले में पूरा समय न दे पाना है। समय की कमी के चलते अदालतों में केस लंबे समय तक चलते रहे हैं। उन्होंने बताया कि लुधियाना की 42 अदालतों में चेक बाउंस के 20 हजार से अधिक लंबित पड़े हैं। इसके अलावा रोजाना लुधियाना की अदालतों में 10 तलाक के केस दर्ज होते है, जोकि बड़े शर्म की बात है।
युवा पीढ़ी में नहीं है सहनशीलता : दैनिक जागरण से बातचीत में गुरबीर सिंह ने कहा कि युवा पीढ़ी में सहनशीलता की भावना की कमी के चलते ऐसे मामले अधिक आते हैं। तीसरा स्नैचिंग व 420 के केस अधिक आते हैं। उन्होंने विधिक साक्षरता संघ के सदस्यों से विचारों का आदान प्रदान करते हुए इस संघ के उदेश्य को कार्यान्वित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि साधारण लोगों तक कानूनी जागरूकता व लाभ पहुंचाने पर संघ की सफलता निर्भर करेगी। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान देश का उच्चतम कानून है।
शिक्षा लेना मौलिक अधिकार : डॉ.गुरप्रीत कौर
मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट व डीएलएसए जिला न्यायालय लुधियाना की सचिव डॉ.गुरप्रीत कौर ने विद्यार्थियों में कानूनी जागरूकता,समय की मांग विषय पर विस्तार व्याख्यान दिया। उन्होंने सभी लोगों में कानून की जानकारी को अति आवश्यक बताते हुए बदलती परिस्थितियों और कानून के मध्य बनाने पर बल दिया। भारतीय संविधान में शिक्षा एक मौलिक अधिकार है। कानूनी जागरूकता सभी के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे हर व्यक्ति अपने अधिकारों व कर्त्तव्यों प्रति जागरूक हो जाता है। साथ ही इस प्रक्रिया में विधि विद्यार्थियों की भागीदारी को भी जरूरी बताया। इसी सर्वोत्तम कानून बताते हुए ज्ञान को शक्ति कहा। उनके मुताबिक कानूनी रूप से जागरूक व्यक्ति अपने ज्ञान की शक्ति का उपयोग रिश्वत का विरोध करके करता है। कॉलेज द्वारा आयोजित विस्तार व्याख्यान एवं विधिक साक्षरता संघ की स्थापना का उदेश्य हमारे समाज के प्रत्येक वर्ग तक कानूनी जागरूकता पहुंचाना है। विधिक जागरूकता के लिए उठाए गए ये कदम कानून के शासन की स्थापना की दिशा में प्रगति के लिए सहायक होंगे और साधारण व्यक्तियों को कानूनी रूप से सशक्त करने में अपना अहम योगदान देंगे। समारोह के अंत में कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.एसके नायक ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।