गुरु का ज्ञान अच्छा इंसान बनाता है : अमृत कौर
जासं, जगराओं : मंगलवार को संत निरंकारी सत्संग भवन रायकोट रोड जगराओं में बहन अमृत कौर कोटकपूरा वाले न
जासं, जगराओं : मंगलवार को संत निरंकारी सत्संग भवन रायकोट रोड जगराओं में बहन अमृत कौर कोटकपूरा वाले ने कहा कि पूरा सतगुरु ना जात-पात देखता है न औकात देखता है न गुण अवगुण देखता है। बस एक पल में आत्मा को परमात्मा का ज्ञान करवा कर भटकने से मुक्त कर देता है। जब सतगुरु कृपा करता है तो एक पल में इस हाजिर नाजिर बसते परमात्मा की जानकारी दे देता है। उन्होंने कहा कि जिसने भी सतगुरू के पास शिक्षा हासिल की वह गुरसिख होता है। गुरसिख किसी लिबास का नाम नहीं होता। गुरु की शिक्षा गुरु की कृपा के साथ ही हमारे जीवन में आती है। परमात्मा का ज्ञान होना भक्ति की पहली सीढ़ी है। विश्व की वस्तुओं की तो कीमत होती है परन्तु सतगुरु के ज्ञान की कोई कीमत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि भक्ति हमेशा घर से शुरू होती है। गुरु का ज्ञान हमें एक अच्छा इंसान बनाता है, जिम्मेदार नागरिक बनाता है। गुरसिख हमेशा अपने गुरु की रजा में रहता है। गुरसिख की बाणी ही उसकी पहचान होती है। गुरसिख हमेशा मीठी बाणी ही बोलता है।
उन्होंने बताया कि वेदों व शास्त्रों में लिखा है कि मानसी जीवन बहुत अमोलक है जोकि हमें 84 लाख यौनियां भोगने के बाद मिला है। यह जन्म हमें केवल अमृत की प्राप्ति के लिए मिला है, लेकिन मनुष्य माया के मोह में फंस कर समय को बर्बाद कर रहा है और इस मानस जीवन को ऐसे व्यर्थ गवां रहा है। सारा संसार ही प्रभू को भूल चुका है। केवल नाम का सिमरन चल रहा है, लेकिन नामी की पहचान नहीं है। हम पढ़ते है कि प्रभु परमात्मा जोकि हमारे इतने नजदीक हैं, लेकिन नजदीक होते हुए भी हम परमात्मा को देख नहीं सकते। सतगुरु के ज्ञान व साध संगत से जुड़े रहने से गुरसिख के जीवन में निखार आता है। उन्होंने कहा कि गुरसिख का परिवार हमेशा मां-बाप,भाई-बहन ही नहीं बल्कि पूरा संसार ही उसका परिवार बन जाता है। इस मौके पर संयोजक भाई दयाल सिंह, सोहन सिंह सिद्धू, सुरिंदर कुमार शर्मा, रोहित कुमार, स्टेज सचिव संजीव कुमार, पाल सिंह धालीवाल, पिंकी, चरणजीत सिंह, कमलजीत सिंह, जसविंदर सिंह, बिहारी लाल, सुरिंदरपाल सिंह, प्रभदयाल सिंह सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।