डीम्ड यूनिवर्सिटी के सर्टिफिकेट से तरक्की लेने वालों पर लटकी तलवार
राजीव पाठक, लुधियाना डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री व डिप्लोमा लेकर अपनी तरक्की करवाने वाले अधिकारियो
राजीव पाठक, लुधियाना
डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री व डिप्लोमा लेकर अपनी तरक्की करवाने वाले अधिकारियों पर तलवार लटक गई है। सरकार ने 2001 से लेकर अब तक प्रदेश के सभी नगर निगमों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। सरकार इन अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रमोशन को रिव्यू करना चाहती है। सरकार के इस फैसले से नगर निगमों के तमाम अफसरों की नींद उड़ गई है। बहुत से ऐसे अफसर हैं जो ड्यूटी पर तैनात रहे हैं और साथ में डिग्री व डिप्लोमा हासिल कर अपनी तरक्की करवाकर बड़े पदों पर पहुंच गए हैं। इसमें एसई से लेकर एमटीपी स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं।
स्थानीय निकाय विभाग ने सभी नगर निगम कमिश्नर्स को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि निगम में तैनात कितने कर्मचारियों ने डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री या डिप्लोमा हासिल कर नियुक्ति या तरक्की हासिल की है। इन मामलों को सरकार ने अपने स्तर पर रीव्यू करने का फैसला किया है। इस संबंध में 3 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है। जिसके मद्देनजर यह रिव्यू किया जा रहा है।
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ये जानकारियां मांगी
स्थानीय निकाय विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निगम से 2001 से लेकर अब तक नियुक्तियों व तरक्कियों की जानकारी मांगी है। इसमें सहायक कॉरपोरेशन इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, असिस्टेंट टाउन प्लानर, बिल्डिंग इंस्पेक्टर, हेड ड्राफ्ट्समैन, ड्राफ्ट्समैन, सहायक आर्किटेक्ट डिग्री व डिप्लोमा की तस्दीक की गई प्रतियां तय प्रोफार्मा के मुताबिक भेजने को कहा है। इसके तहत कर्मचारी का नाम और पद, मौजूदा पोस्टिंग, नियुक्ति संबंधी जानकारी सीधी भर्ती या तरक्की के द्वारा, कर्मचारी की टेक्निकल व शिक्षण योग्यता, डिप्लोमा डिग्री हासिल करने का साल, संस्था व यूनिवर्सिटी का नाम सहित अन्य जानकारियां मांगी गई हैं। विभाग ने ये सारी जानकारी तीन दिन में भेजने के निर्देश दिए हैं।
कहीं रिवर्ट करने की तैयारी तो नहीं
जानकारी के मुताबिक पिछले सालों में कई कर्मचारियों ने डिप्लोमा या डिग्री जुगाड़ से हासिल की है और अपनी सेटिंग के दम पर अब बड़े अधिकारी बन गए हैं। सरकार द्वारा मांगी गई जानकारी से उनमें हड़कंप मच गया है, क्योंकि विभाग ने सभी की डिग्री व डिप्लोमा की तस्दीकशुदा कॉपी भी तलब की है। जिस प्रकार स्थानीय निकाय विभाग ने जानकारी मांगी है उससे साफ है कि सरकार इन अधिकारियों को रिवर्ट कर सकती है।