सिविल अस्पताल में चार मिनट में 15 दिन की बच्ची चोरी, पांच घंटे बाद बरामद
इस्लामगंज प्रेम नगर निवासी नरिदर ने बताया कि वह इलाके में ही जूते बनाने का काम करता है। उसकी शादी एक साल पहले हुई थी। करीब 15 दिन पहले उसकी पत्नी रानी की सिविल अस्पताल में ही नॉर्मल डिलीवरी हुई और उसकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया।
विनोद पुरोहित/अश्वनी पहवा, लुधियाना : सिविल अस्पताल अक्सर विवादों में घिरा रहता है। शनिवार को भी वहां एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। अस्पताल के जच्चा-बच्चा विभाग से चंद मिनटों में एक महिला 15 दिन की बच्ची को चोरी कर ले गई, जिसके बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। हालांकि पांच घंटे बाद उक्त महिला को गिरफ्तार कर बच्ची को बरामद कर लिया गया है। इस पूरे प्रकरण से सिविल अस्पताल के सुरक्षा प्रबंध पर प्रश्न उठ रहे हैं।
इस्लामगंज प्रेम नगर निवासी नरिदर ने बताया कि वह इलाके में ही जूते बनाने का काम करता है। उसकी शादी एक साल पहले हुई थी। करीब 15 दिन पहले उसकी पत्नी रानी की सिविल अस्पताल में ही नॉर्मल डिलीवरी हुई और उसकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया। छुट्टी के बाद वह घर चले गए। नरिदर के अनुसार करीब 27 अक्टूबर को उसकी पत्नी के टांके अचानक टूट गए तो उसने अपनी पत्नी को दोबारा जच्चा-बच्चा विभाग में दाखिल करवाया। शनिवार की दोपहर वह खाना लेने घर चला गया। उस समय अस्पताल में उसकी पत्नी व उसकी बेटी की देखरेख के लिए उसकी सास मौजूद थी। करीब ढाई बजे रानी बाथरूम गई। इसी दौरान एक महिला उसकी सास के पास आई और उससे कहा कि वह भी अपनी बेटी के साथ बाथरूम में जाए। तब तक वह उसकी बच्ची को संभाल लेगी। उसकी सास ने बच्ची को उक्त महिला को सौंप दिया और बाथरूम में अपनी बेटी के साथ चली गई। जब करीब चार मिनट बाद वापस लौटी तो महिला बच्ची को लेकर फरार हो चुकी थी। काफी ढूंढ़ने के बाद भी वो नहीं मिली। इस दौरान अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे थाना डिवीजन नंबर दो के प्रभारी ने जांच शुरू की। जब सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो उसमें सामने आया कि एक महिला बच्ची को लेकर जा रही है, जिसके साथ एक पांच वर्षीय बच्चा भी था।
घटना के करीब पांच घंटे बाद शाम करीब रात लगभग 7:30 बजे उक्त महिला नाटकीय अंदाज में अपने पांच वर्षीय बेटे व चोरी की हुई बच्ची के साथ जच्चा बच्चा विभाग की दूसरी मंजिल पर बैठी नजर आई। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। महिला ने बताया कि वह सुनेत गांव की रहने वाली है। उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है, जिसके चलते उसकी सिविल अस्पताल में दवाई चल रही है। शनिवार को भी वह अपने बेटे के साथ दवा लेने पहुंची थी। किसी काम से जब वह जच्चा-बच्चा विभाग में आई तो बच्ची की नानी उसे बच्ची देकर बाथरूम चली गई। दिमागी हालत ठीक न होने के चलते वह बच्ची को लेकर वहां से घर पहुंच गई। जब घर आकर उसके बेटे ने बताया कि मां तुम गलती से किसी और की बच्ची को साथ लेकर आ गई हो तो वह बच्ची को लेकर दोबारा अस्पताल पहुंच गई।
विधायक डाबर पहुंचे अस्पताल
घटना की जानकारी मिलते ही राजनीतिक नेता भी सिविल अस्पताल पहुंचने शुरू हो गए। हलका सेंट्रल से विधायक सुरिदर डाबर पहुंचे और पीड़ित महिला और उसकी मां को आश्वासन दिया कि बच्ची जल्द खोज लेंगे। उधर, शिरोमणि अकाली दल सेंट्रल के उम्मीदवार प्रितपाल सिंह पाली के बेटे, बलजीत छतवाल के अलावा कई नेता परिवार से मिलने पहुंचे और आश्वासन देकर चले गए।
16 कैमरों में से कुछ कैमरे ही चलते मिले
सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा विभाग में अलग-अलग स्थानों पर करीब 16 कैमरे लगे हैं, जिनमें से कुछ कैमरे ही चल रहे हैं। इसका पता तब लगा कि जब घटना के बाद पुलिस टीम एसएमओ के कमरे में सीसीटीवी फुटेज चेक करने पहुंची। इससे अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल उठने तो बनते हैं।
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बच्ची को बरामद कर लिया गया है। महिला बता रही है कि वह दिमागी परेशान है और उसकी दवा चल रही है। महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और अस्पताल से पता किया जाएगा कि महिला की बात में कितनी सच्चाई है।
- सतपाल सिंह, एसएचओ, थाना डिवीजन नंबर दो