तेज हवाओं से गेहूं की फसल को हुआ नुकसान
पहले ही आलू उत्पादक चार साल से मंदी के कारण घाटे में जा रहे थे लेकिन आलू उत्पादक इस बार 1500 रुपये प्रति क्विंटल के करीब मिल रहे रेट के कारण काफी खुश नजर आ रहे थे।
संवाद सहयोगी, कपूरथला: पहले ही आलू उत्पादक चार साल से मंदी के कारण घाटे में जा रहे थे, लेकिन आलू उत्पादक इस बार 1500 रुपये प्रति क्विंटल के करीब मिल रहे रेट के कारण काफी खुश नजर आ रहे थे। परंतु वीरवार रात व शुक्रवार को पूरे दिन रुक-रूककर हो रही बारिश व तेज हवाओं ने आलू उत्पादकों की नींद उड़ाकर रख दी है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार तक 1.8 एमएम बारिश हो चुकी है। आलुओं की पटाई के बाद जहां किसानों की ओर से मक्की, खरबूजा व तरबूज की फसल की बिजाई भी बारिश के कारण लेट हो रही है।
पिछले कुछ दिनों से निकल रही धूप व कभी बारिश ने आलू की फसल का नुकसान किया है, वहीं तेज हवाओं के चलते गेहूं की फसल भी गिर गई है। बारिश के कारण अगली फसलों की बिजाई भी लेट हो रही है। यदि बारिश लगातार जारी रही तो आलुओं की बिजाई करने वाले किसानों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा।
आलु की फसल से किसान निकाल रहे पानी
आलूओं में पानी खड़ा होने कारण बड़ी मात्रा में आलू खराब हो जांएगे। आलू की फसल को बचाने के लिए किसान जेसीबी मशीनों का सहारा लेकर पानी निकालने की कोशिश कर रहें है। वहीं जेसीबी मालिक भी मजबूरी में किसानों से मनमर्जी के पैसे वसूल रहे है। किसान अपनी फसल बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा किराया भरने के लिए मजबूर है।
बारिश जारी रहती है तो अन्य फसलों की बिजाई होगी प्रभावित: आलू उत्पादक
आलू उत्पादक व एएस फार्म के मालिक जतिदर सिंह बिल्ले ने बताया कि यदि उत्पादकों का आलू खराब होता है, तो उन्हें प्रति एकड़ काफी नुकसान होगा। क्योंकि इस बार दाम अच्छे मिल रहे थे। बिल्ले ने कहा कि पिछली बार आलू का रेट 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल था। जिस कारण किसानों का अपना लागत का मूल्य भी पूरा नहीं हो रहा था। परंतु इस बार रेट 1500 रुपये होने के कारण किसानों को अच्छी उम्मीद बंदी थी। परंतु बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रख दिया है। उन्होंने कहा कि यदि बरसात इसी प्रकार जारी रहती है, जहां आलूओं का नुकसान होगा, वहीं आलू की पटाई के बाद बीजी जाती फसल मक्की, तरबूज व खरबूजा की बिजाई भी लेट होगी।
धूप नहीं आने पर गेहूं को लगेगा रोग: डॉ. भरोज
इस बारे में खेतीबाड़ी माहिर डॉ. हरकमल प्रीतपाल सिंह भरोज ने कहा कि यदि आने वाले दिनों में धूप खिलती है तो गेहूं की फसल का नुकसान कम होगा। यदि बादलवाही रहती है, तो गेहूं के खेतों में पानी खड़ा होने कारण जहां पीली पड़ने व गलने के साथ किसानों का नुकसान होगा। वहीं बरसात जारी रहने के साथ जहां आलू की फसल का नुकसान तो होगा, वहीं आलुओं की पटाई के बाद बोई जाती अन्य फसलें गेहूं, मक्की, तरबूज लेट होगी।