वोटरों को लुभाने के प्रयास बेअसर, मतदान में गिरावट
चुनाव आयोग के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने पोलिग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए खूब प्रचार किया। शिक्षण संस्थानों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक सब को कई बार मतदान करने की शपथ भी दिलाई लोक गायक गुरनाम भुल्लर को जिले का ब्रांड एम्बैस्डर भी बनाया वोटरों को पोलिग वाले दिन कई तरह की सहूलतें भी दी पर फिर भी जिले में प्रशासन पिछले लोकसभा चुनावों के मतदान प्रतिशत के आसपास भी नहीं पहुँच सका। जिले में मतदान का प्रतिशत साढ़े छ प्रतिशत तक गिरा। लोगों ने चुनाव आयोग के द्वारा जोर शोर से चलाए गए अभियान स्वीप को नकार दिया।
संजीव भल्ला, कपूरथला
चुनाव आयोग के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने पोलिग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए खूब प्रचार किया। शिक्षण संस्थानों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक सब को कई बार मतदान करने की शपथ भी दिलाई। लोक गायक गुरनाम भुल्लर को जिले का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। वोटरों को पोलिग वाले दिन कई तरह की सुविधाएं भी दी पर फिर भी जिले में प्रशासन पिछले लोकसभा चुनावों के मतदान प्रतिशत के आसपास भी नहीं पहुंचा सका। जिले में मतदान का प्रतिशत साढ़े छह प्रतिशत तक गिरा। लोगों ने चुनाव आयोग के द्वारा जोर शोर से चलाए गए स्वाइप अभियान को नकार दिया।
मतदान के समय में की गई थी दो घंटे की बढ़ोतरी
गौर हो कि इस बार चुनाव आयोग ने मतदान के समय में भी दो घंटे की बढ़ोतरी भी की थी। मतदाताओं की संख्या में हुआ बढ़ावा भी जिला प्रशासन के प्रयासों को साकार नहीं कर सका। लोग इसे जिला प्रशासन की विफलता मानते हैं पर जिला प्रशासन इसे वोटरों की राजनीति के प्रति उदासीनता को मुख्य कारण मानता है।
जिला प्रशासन ने मतदान वाले दिन पिक पोलिग बूथ भी बनाए जहां पर सिर्फ महिला कर्मचारी ही चुनाव ड्यूटी पर लगाए। जिले में चारो विधानसभा हलकों में अलग से बूथ बनाए जहां दिव्यांग ही ड्यूटी पर लगाए गए। मॉडल बूथ भी बनाए गए पर कुछ भी वोटरों को आकर्षित करने में सफल नहीं हुआ।
2014 में हुए मतदान में जिले की चारों विधानसभा में मतदान का प्रतिशत 68.8 रहा जो इस बार गिर कर 62.26 प्रतिशत तक पहुंच गया और 6.54 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। 2014 के चुनाव में कपूरथला विधानसभा हलके में 68.8 प्रतिशत, सुल्तानपुर लोधी विधानसभा हलके में 71.38 प्रतिशत, फगवाड़ा विधानसभा हलके में 68.40 प्रतिशत तथा भुलत्थ विधानसभा क्षेत्र में 67.31 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि मई 19 को हुए मतदान में कपूरथला विधानसभा हलके में 60.99 प्रतिशत, सुल्तानपुर लोधी विधानसभा हलके में 65.86 प्रतिशत, फगवाड़ा विधानसभा हलके में 64.48 प्रतिशत तथा भुलत्थ विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 56.76 प्रतिशत मतदान ही हुआ।
शिक्षाविद सुरेश शर्मा ने जिला प्रशासन की कोशिशों को नाकाफी और दिशाहीन बताया। दैनिक जागरण से बातचीत करते उन्होने कहा कि अधिकतर कोशिशें दिशाहीन ही लगीं। एक बूथ जिस पर शायद ही कोई दिव्यांग वोटर रजिस्ट्रर्ड हो। उसका संचालन दिव्यांगों को सौंपना उनके साथ एक मजाक है। यही हाल महिलाओं के लिए बनाए गए पिक बूथों का है। कोई खास मेहनत नहीं की गई उस बूथ का चुनाव करने में जहाँ पर महिलाओं की गिनती पुरूष वोटरों से ज्यादा हो।
एक स्कूल शिक्षा अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि प्रशासन ने वोटर जागरूकता के कई प्रोग्राम उन स्कूलों के बच्चों के लिए किए थे जिनमें कोई भी वोट डालने के लिए काबिल नहीं हुआ था। एक अन्य उच्च अधिकारी के अनुसार सरकार द्वारा किए गए अत्यधिक प्रचार से लोग काफी उब गए और चुनावों से दूरी ही रखी।
वोटिग के लिए ब्रांड अंबेस्डर बनाए गए गुरनाम भुल्लर भी मतदान दिवस के कार्यक्रम में दस मिनट देने के बाद कभी भी नजर नहीं आए। प्रशासन ने वोटरों को जागरूक करने के लिए शहर में मैराथन का आयोजन भी किया।
दूसरी और बुद्धिजीवी वर्ग इसे लोगों की राजनीति की और उदासीनता को दर्शाता है। समाजसेवी गुरमुख सिंह ढोट के अनुसार लोग राजनितिक पार्टियों के चुनाव प्रति दृष्टिकोण से निराश थे। यही चर्चा चल रही थी कि किसी भी पार्टी ने योग्य उम्मीदवार को टिकट नहीं दी थी तो उन्होनें सोचा कि वोट डालने की क्या जरूरत है, घर ही बैठो। उन्होनें नोटा को और धारधार बनाने की मांग भी की ताकि राजनीतिक पार्टियों पर लोगों का शिकंजा कसा जा सके।
जिला प्रशासन ने ईमानदारी से किया काम : डीसी
जिला चुनाव अधिकारी व डिप्टी कमिश्नर इंजी डीपीएस खरबंदा के अनुसार जिला अधिकारियों ने पूरी इमानदारी से प्रयास किया। उन्होंने कहा कि वह मतदान के लिए लोगों को सिर्फ जागरूक ही कर सकते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने अपना कार्य तनदेही से किया है।
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