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फगवाड़ा में इस बार कड़े मुकाबले के आसार

वैसे तो चुनाव का नतीजा किस तरफ करवट ले इसका केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 02:44 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 02:44 AM (IST)
फगवाड़ा में इस बार कड़े मुकाबले के आसार
फगवाड़ा में इस बार कड़े मुकाबले के आसार

अमित ओहरी, फगवाड़ा

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वैसे तो चुनाव का नतीजा किस तरफ करवट ले, इसका केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है, लेकिन अगर फगवाड़ा के अब तक के चुनावी इतिहास को देखा जाए तो इस सीट पर हर बार चुनाव नतीजा कभी काफी कड़ा रहता है तो कभी भारी मतों से उम्मीदवार जीत दर्ज करता है। इसका ताजा उदाहरण पिछला विधानसभा उपचुनाव है, जिसमें 26 हजार 116 वोटटरों ने उम्मीदवार की हार जीत का फैसला किया, जबकि इससे पिछले 2017 में कड़े मुकाबले में 2009 वोटों के अंतर से ही हार-जीत का फैसला हुआ। हालांकि इस बार तीन नहीं बल्कि चार प्रमुख पार्टियां चुनाव मैदान में होने और आजाद उम्मीदवारों की लिस्ट भी लंबी होने की संभावना को देखते हुए फगवाड़ा विधानसभा में मुकाबला कड़ा देखा जा सकता है। फगवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पिछले 45 साल के चुनावी सफर की बात करें तो यहां से चार बार भाजपा जीत का परचम लहरा चुकी है, तो छह बार कांग्रेस, जबकि एक बार जनता पार्टी का उम्मीदवार यहां से जीत हासिल करने में कामयाब हुआ है अन्य सियासी पार्टियां भी अब फगवाड़ा में जीत का खाता खोलने के लिए प्रयास कर रही हैं। इस विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस बार मुकाबला ज्यादा कड़ा हो सकता है, क्योंकि भाजपा व शिअद दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी, तो वहीं कुछ किसान संगठनों ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जबकि आजाद उम्मीदवारों की लिस्ट भी देखने को मिलेगी। ऐसे में करीबन दो लाख के करीब आबादी वाले विधानसभा क्षेत्र फगवाड़ा में इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।

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1992 के चुनाव में सिर्फ 720 वोट का था अंतर

फगवाड़ा विधानसभा चुनाव में जहां अब तक सबसे कम संख्या में जीत में 1992, 2002 व 2017 शामिल है तो वहीं साल 2019 में हुए फगवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में सबसे बड़ी संख्या में वोटों के मामले में जीत रही, जहां विजेता कांग्रेस उम्मीदवार बलविदर सिंह धालीवाल ने 26116 वोटों से जीत हासिल की। हालांकि साल 1997 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के चौधरी स्वर्णा राम भी 26623 वोटों से जीते थे। अब देखना होगा कि इस विधानसभा चुनाव के दौरान मुकाबला कितना फंसा हुआ रहता है और हार-जीत का फैसला कितनी वोटों के बीच होता है। वहीं 1992 में जीत का अंतर सिर्फ 720 वोट का था।

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विजेता उम्मीदवार कितनी वोटों से जीते

साल विजेता उम्मीदवार पार्टी वोट अंतर

2019 बलविदर सिंह धालीवाल कांग्रेस 49215 26116

2017 सोम प्रकाश भाजपा 45479 2009

2012 सोम प्रकाश भाजपा 46194 14572

2007 चौधरी स्वर्ण राम भाजपा 47906 9604

2002 जोगिदर सिंह मान कांग्रेस 31601 1186

1997 चौधरी स्वर्ण राम भाजपा 50176 26623

1992 जोगिदर सिंह मान कांग्रेस 14363 720

1985 जोगिदर सिंह मान कांग्रेस 33287 11863

1980 प्यारा राम धन्नोवालिया कांग्रेस 27885 16269

1977 साधू राम जनता पार्टी 25042 4710

1972 प्यारा राम धन्नोवालिया कांग्रेस 25959 7919


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