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हाई स्पीड रोमांच के लिए तेजस रवाना, अब भरेगी पटरी पर उड़ान

भारतीय रेलवे को हाई स्‍पीड के नए मुकाम पर पहुंचाने के लिए तेजस ट्रेन तैयार है। इसकी 19 बोगियों को रवाना कर दिया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 09:29 AM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 08:45 PM (IST)
हाई स्पीड रोमांच के लिए तेजस रवाना, अब भरेगी पटरी पर उड़ान
हाई स्पीड रोमांच के लिए तेजस रवाना, अब भरेगी पटरी पर उड़ान

जेएनएन, कपूरथला। भारतीय रेलवे देश में अब हाई स्पीड के रोमांच की लंबी उड़ान भरने जा रहा है। आरसीएफ कपूरथला की ओर से 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौडऩे वाली हाई स्पीड ट्रेन के 19 कोचों के दूसरे रैक को रवाना कर दिया गया है। आरसीएफ में जून व जुलाई में भी एक-एक रैक तैयार होगा। हर कोच पर लगभग तीन करोड़ की लागत आएगी। 

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19 कोचों का रैक भेजा गया, 200 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी, एचएलबी तकनीक से बने हैं कोच

जर्मन की एलएचबी तकनीक वाले इन कोचों की हाई स्पीड के बाद भी अंदर बैठे यात्री को ट्रेन चलने के बारे में पता नहीं चलेगा। ट्रेन में यात्री प्रत्येक सीट के पीछे लगी एलईडी स्क्रीन पर विभिन्न मनोरंजक कार्यक्रम व खेल गतिविधियों का आनंद उठा सकेंगे। इस ट्रेन में यात्रियों को हाई स्पीड वाईफाई इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी और हर कोच में लगे सीसीटीवी कैमरे पूरे कोच की निगरानी करेंगे।

आरसीएफ के महाप्रबंधक सत्या प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि रेडिका की ओर से हाई स्पीड ट्रेन के 19 कोचों का एक रैक रवाना कर दिया गया है। इसके बाद जून व जुलाई में भी एक-एक रैक निकलेगा। हाई स्पीड ट्रेन की विशेषताओं व रेल यात्रियों की सुरक्षा के सवाल पर जीएम त्रिवेदी ने बताया कि हर कोच में 6-6 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जिन पर नजर रखने के लिए दिल्ली में कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है।

चार कैमरे कोच के अंदर और दो कैमरे दोनों दरवाजों की इंट्रेंस पर लगे हैं। कोच के दरवाजे भी पूरी तरह ऑटोमैटिक हैं। पांच किलोमीटर की स्पीड पकड़ते ही खुद बंद हो जाएंगे। तमाम सीटों पर पढ़ने के लिए एलईडी लाइट की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा हर सीट पर कॉल बेल भी लगी, होगी जिससे आप अटेंडेंट को बुला सकते हैं। हर सीट के पीछे 9 इंच की एलईडी स्क्रीन लगी है जिसमें मूवी, टीवी शो एवं लगभग 50 तरह के अन्य प्रोग्राम देखे जा सकेंगे।

ट्रेन जीपीएस सिस्टम से लैस होगी और हर यात्री अपनी सीट पर बैठे स्क्रीन पर हवाई जहाज की तरह स्टेशनों का विवरण, ट्रेन कितनी देर में पहुंचेगी, कितनी लेट चल रही है और कौन-सा स्टेशन कितनी देर में आएगा आदि तमाम जानकारियां देख सकेंगे। कोच की प्रत्येक सीट के साथ लैपटॉप व मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था भी की गई है।

इसके अलावा हर कोच में टॉयलेट व टॉयलेट के बाहर बची जगह पर डस्टबिन लगाए गए हैं, ताकि डिब्बे में सफाई रह सके। उन्होंने बताया कि आरसीएफ आने वाले समय में एलएचबी कोचों का ही निर्माण करेगा।इससे पहले भी आरसीएफ एक रैक भारतीय रेलवे को सुपुर्द कर चुका है। यह रैक फिलहाल मुंबई व गोवा के बीच चल रहा है, लेकिन ट्रैक अपग्रेड नहीं होने की वजह से वह अभी 200 किलोमीटर की स्पीड नहीं पकड़ सका।

तेजस ट्रेन के बोगी के अंदर का नजारा।

ट्रेन में यात्री प्रत्येक सीट के पीछे लगी एलईडी स्क्रीन पर विभिन्न मनोरंजक कार्यक्रम व खेल गतिविधियों का आनंद उठा सकेंगे। इस ट्रेन में यात्रियों को हाई स्पीड वाईफाई इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी और हर कोच में लगे सीसीटीवी कैमरे पूरे कोच की निगरानी करेंगे।

जर्मन तकनीक वाले एलएचबी को विकसित करके इनमें आधुनिक इलेक्ट्रोनॉमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम लगा है जिनमें स्टील ब्रेक डिस्क एवं सिनटर्ड पैड होंगे। इस सिस्टम के जरिए ट्रेन को 200 किलोमीटर प्रति घंटे की हाई स्पीड होने के बावजूद जरूरत पडऩे पर निर्धारित 1400 मीटर के भीतर आसानी से रोका जा सकेगा।

तेजस ट्रेन के बोगी  में हर सीट के पीछे एलईडी स्‍क्रीन लगी है।

इसके अलावा कोच की प्रत्येक सीट के साथ लैपटॉप व मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा हर कोच में टॉयलेट व टॉयलेट के बाहर बची जगह पर डस्टबिन लगाए गए हैं, ताकि डिब्बे में सफाई रह सके। उन्होंने बताया कि आरसीएफ आने वाले समय में एलएचबी कोचों का ही निर्माण करेगा।


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