प्लास्टिक का उपयोग बंद करें, पर्यावरण को बचाएं
एक बार प्रयोग में लाए लाने वाले प्लास्टिक का उपयोग बंद करने को लेकर लोगों को जागरूक करना जरूरी है।
प्रवीण कन्नौजिया, फगवाड़ा
एक बार प्रयोग में लाए लाने वाले प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का आह्वान किए जाने के बाद देश में इस के खिलाफ माहौल बनना शुरू हुआ है। प्लास्टिक निस्तारण की सही व्यवस्था नहीं बन सकी। बाजार में सामान खरीदते समय लोग कपड़े या जूट का थैला नहीं लेकर जाते। सामान बेचने वाला उन्हें पालीथिन के थैले में सामान दे देते हैं। प्लास्टिक मानव जीवन के लिए हानिकारक है। दिन प्रतिदिन इस पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है। प्लास्टिक के लिफाफे पानी में बहकर सीवरेज को भी जाम कर देता है। शहर के लोगों ने दैनिक जागरण के साथ प्लास्टिक का उपयोग बंद करने को लेकर अपने विचार पेश किए।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध : डॉ. जीबी सिंह
सर्जन डॉ. जीबी सिंह का कहना है कि वह कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं। प्लास्टिक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल पानी की बोतलों के रुप में ही किया जाता है। प्लास्टिक सेहत के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
कागज के लिफाफों का इस्तेमाल करें : रणदीप सिंह
फारेन लैग्वेंज इंस्टीट्यूट के एमडी रणदीप सिंह ने कहा कि प्लास्टिक के प्रयोग से हमारी जिंदगी तो आसान हुई है लेकिन प्लास्टिक नष्ट करना मुश्किल हैं। मैं जब भी परिवार के साथ बाजार जाता हूं तो अपने साथ घर से कपड़े का बना हुआ बैग लेकर जाता हूं। अपने आफिस में तीन अलग अलग डस्टबीन रखे हुए है, जिसमें गीला, सुखा कचरा व रिसाइकिल योग्य कचरा डालते हैं। प्लास्टिक को रिसाइकिल करना ही उसके उपयोग को रोकने का सबसे बड़ा उपाय है।
सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प खोजना जरुरी : सुरिदर मित्तल
प्रसिद्ध समाजसेवी सुरिदर मित्तल ने कहा कि मेरी कोशिश यही रहती है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें। सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प खोजना जरुरी है। पालीथिन के बैन होने से लोगों का ध्यान कागज और कपड़े के थैलों पर गया है। कपड़े के थैले का ही प्रयोग करता हूं। उन्होंने कहा कि कोशिश करने से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद हो सकता है।