संत सीचेवाल ने ठुकराया सरकार का सम्मान, कहा- काली बेईं की दुर्दशा से हूूं दुखी
पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए सम्मान को लेने से इन्कार कर दिया है।
जेएनएन, सुल्तानपुर लोधी [कपूरथला]। पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए सम्मान को लेने से इन्कार कर दिया है। सीचेवाल ने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण आज भी पवित्र काली बेईं में दूषित पानी का गिरना जारी है। बाबा नानक की बेईं की दुर्दशा को देख उनका जमीन सरकार की ओर से दिए सम्मान को लेने की अनुमति नहीं देता है।
संत सीचेवाल ने वह दशकों से बेईं को निर्मल बनाने के लिए लगातार जूझ रहे हैं। सरकार से उम्मीद थी कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर सरकार काली बेईं में दूषित पानी फेंकने वालों सख्त कदम उठाएगी और इस समस्या से निजात दिलाएगी, लेकिन सरकार का रवैया उदासीन ही रहा।
उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर लोधी, भुलाणे की कॉलोनियों और कपूरथला के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का दूषित पानी लगातार काली बेईं में बहाया जा रहा है। यही नहीं, गुरुद्वारा श्री बेर साहिब से निकलने वाला लंगर का कचरा भी बेईं में गिराया जा रहा है। पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में रविवार को आयोजित सम्मान समारोह में सीचेवाल नहीं गए। सम्मानित होने वाली 383 शख्सियतों में पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल का नाम भी शामिल था।
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