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इस स्कूल के जांबाजों के नाम से कांपता है दुश्मन, यहां से निकल चुके हैं 1250 अफसर

1961 को स्थापित हुए सैनिक स्कूल कपूरथला ने देश की तीनों सेनाओं और अर्धसैनिक बलों को 1250 से अधिक जांबाज अफसर दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 02:13 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 04:31 PM (IST)
इस स्कूल के जांबाजों के नाम से कांपता है दुश्मन, यहां से निकल चुके हैं 1250 अफसर
इस स्कूल के जांबाजों के नाम से कांपता है दुश्मन, यहां से निकल चुके हैं 1250 अफसर

कपूरथला [हरनेक सिंह जैनपुरी]। महाराजा जगतजीत सिंह के शाही पैलेस में 1961 को स्थापित हुए सैनिक स्कूल कपूरथला ने देश की तीनों सेनाओं और अर्धसैनिक बलों को 1250 से अधिक जांबाज अफसर दिए हैं। पाकिस्तान में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह भी इसी स्कूल में पढ़े हैं। लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह शनिवार को स्कूल पहुंचे और अपने अनुभवों का सांझा किया। उन्होंने यहां आकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित भी की।

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लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह के अलावा गुरमीत सिंह एवीएसएम, बलबीर सिंह वीएसएम, एसके सैणी, इकरूप सिंह घुम्मण, एयर मार्शल रामेश राय, एयर मार्शल एनजेएस ढिल्लों, मेजर जनरल बलविंदर सिंह छीना चीफ ऑफ स्टाफ सैकेंड कोर कोर ऐसे कुछ नाम हैं जिनसे दुश्मन की सेना के जवान कांपते हैं।

शनिवार को सैनिक स्कूल के इन तमाम पुराने छात्रों को सुनहरा मौका मिला। जब इनमें से कई जांबाज 57वीं वर्षगांठ पर ओल्ड ब्वॉयज स्टूडेंट मीट में हिस्सा लेने पहुंचे। समारोह में बतौर मुख्य मेहमान सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह पहुंचे। उन्होंने छात्र दोस्तों के साथ अपनी स्कूल की पुरानी यादों को ताजा किया।

साथियों से मिलते लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह।

सैनिक स्कूल कपूरथला को सेना अधिकारियों की नर्सरी के रूप में जाना जाता है। इस स्कूल ने सेना को अभी तक 16 लेफ्टिनेंट जनरल, 4 एयर मार्शल, 2 रेयर एडमिरल, 250 से ज्यादा कैप्टन, 375 मेजर दिए हैं। अभी तक स्कूल के 550 से अधिक छात्रों को एनडीए में सीधा प्रवेश मिल चुका है। यही नहीं सैकड़ों छात्र सिविल, पुलिस, न्यायिक अधिकारी बन अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं।

कारगिल में मनवाया बहादुरी का लोहा

कारगिल युद्ध दौरान जांबाजी दिखाने वाले कर्नल विकास वोहरा की बहादुरी पर तो फिल्म भी बन चुकी है। टाइगर हिल पर कब्जा करने वाली पंजाब रेजीमेंट के कमांडिग अफसर बिग्रेडियर एमपीएस बाजवा भी इसी स्कूल के छात्र रहे हैं। कारगिल युद्ध के दौरान बोफोर्स तोपों की कमांड सैनिक स्कूल के छात्र रहे मेजर जनरल लखविंदर सिंह के हाथ में थी।

कैंसर के इलाज की खोज में डॉ. खन्ना ने दिया योगदान

सैनिक स्कूल के छात्र रह चुके डॉ. राजीव खन्ना आस्ट्रेलिया में रह कर कैंसर के इलाज की खोज में उल्लेखनीय काम किया है। उन्हें इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ सम्मानित कर चुकी हैं। पांच बार एडवोकेट जनरल रहे एचएस मत्तेवाल भी स्कूल के छात्र रहे हैं। कारोबार की दुनिया में सुखजीत स्टार्च मिल के मालिक केके सरदाना भी इसी स्कूल में पढ़े हैं।

10 पीसीएस अफसर भी सैनिक स्कूल में पढ़े

ओबीए के महासचिव और आइटीबीपी कमांडेंट राणा युद्धवीर सिंह ने बताया कि लुधियाना के कमिश्नर एडीजीपी सुखचैन सिंह गिल्ल, सेशन जज मोगा बिक्रमजीत सिंह, इंटरनेश्नल एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दविंदर शर्मा, ओबीए प्रेसीडेंट कमाडेंट इन सर्विस ट्रेनिंग सेंटर कपूरथला राजपाल सिंह संधू, आरटीए होशियारपुर मनजीत सिंह, कर्नल मनजीत सिंह पीसीएस समेत करीब 10 पीसीएस अधिकारी सैनिक स्कूल में ही पढ़े हैं।

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