आरसीएफ में प्लास्टिक वेस्ट से सड़क निर्माण शुरू
भारतीय रेलवे को करीब 40 फीसदी कोचों की आपूर्ति करने वाली रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला ने आरसीएफ परिसर के सड़क निर्माण में बिटूमेन के साथ प्लास्टिक कचरे का उपयोग करना शुरू किया है।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : भारतीय रेलवे को करीब 40 फीसदी कोचों की आपूर्ति करने वाली रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला ने आरसीएफ परिसर के सड़क निर्माण में बिटूमेन के साथ प्लास्टिक कचरे का उपयोग करना शुरू किया है। इससे बारिश के दिनों में पानी जमा होने वाले स्थानों पर सड़कें नहीं टूटेगी। साथ ही तापमान अधिक होने पर प्रीमिक्स के पिघलने की समस्या से निजात मिलेगा। वीरवार को आरसीएफ परिसर के शहीद भगत सिंह मार्ग पर इस विधि से सड़क का निर्माण कार्य शुरू करवाया गया।
आरसीएफ में रेल के डिब्बों में निर्माण के लिए प्राप्त वस्तुओं की पैकिग से ही करीब 1500 क्विंटल प्लास्टिक पैकिग मेटीरियल के रूप में प्राप्त होता है। इसे सही उपयोग में लाने के लिए पारंपरिक बिटुमिनस सड़क निर्माण में इस प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया गया है। एक क्विंटल लुक में 10 से 15 प्रतिशत प्लास्टिक को गर्म करके मिलाया गया है। इससे लुक वाली सड़क गर्मी में पिघलने लगती है और प्लास्टिक के मिलाने से सड़क का मैल्टिंग प्वाइंट बढ़ जाता है। ज्यादा ताममान में भी अब सड़क टूटेगी नही। इसके अलावा निचले स्थानों में पानी जमा होने से सड़क टूट जाती थी, अब प्लास्टिक के मिश्रण से बनी सड़क पानी में भी बची रहेगी।
इस संबंध में आरसीएफ के जन संपर्क अधिकारी जितेश कुमार ने बताया कि प्लास्टिक कचरे के उपयोग से बिटूमेन का गलनांक बढ़ जाता है जिससे सर्दियों में सड़कों को लचीलापन बढ़ जाता है तथा सड़कों का जीवन लंबा हो जाता है। प्लास्टिक के मिलाने से बिटूमेन का भुरभुरापन भी कम हो जाता है और इससे सड़कों की लचक बढ़ जाती है। आरसीएफ की ओर से ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया है। बारिश के बाद इसकी गुणवत्ता की जांच करने के बाद आगे की प्लानिंग की जाएगी। प्लास्टिक के दोबारा इस्तेमाल होने से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।