कर्तव्यों का पालन कर सच्चाई के मार्ग पर चलें : साध्वी भारती
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान कपूरथला आश्रम में सत्संग का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान कपूरथला आश्रम में सत्संग का आयोजन किया गया। आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी भारती ने प्रवचन करते हुए कहा कि अध्यात्म, भक्ति, धर्म, साधना वह विशाल पंख हैं, जो विराटता के क्षितिज में हमें उड़ान भरवाते हैं। फिर भला यह स्वार्थपूर्ण बंधनों के कारक कैसे हो सकते हैं? धर्म के मर्म को न जानने वाले लोगों ने ही इन गरिमामय शब्दों को इतनी संकीर्ण व्याख्या की है। धर्म कतई नहीं कहता कि आपने अगर साधना का संकल्प लिया है तो आप समाज में फैली कुरीतियों के प्रति आंखें मूंद कर बैठ जाएं। निष्क्रिय होकर जो हो रहा है, उसके मात्र मूकदर्शक बन जाएं। समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को त्यागकर, आसपास व्याप्त विकृतियों को दूर करने का प्रयास ही न करें। यदि ऐसा होता तो गुरुओं संतों के इतिहास में अपने शिष्यों द्वारा अधर्म का विनाश नहीं करते। इसके लिए आवश्यक है सच्ची आध्यात्मिकता को हृदय में धारण कर लेना। धर्म की वास्तविक परिभाषा को जान लेना। संत कहते हैं कि धर्म के चिह्नों को धारण करने से धार्मिक नहीं बना जाता, अपितु गुरु-कृपा से ईश्वर के तत्व रुप का दर्शन कर धार्मिक बना जाता है। इस मौके पर भावपूर्ण मधुर भजनों का गायन भी किया गया।