धार्मिक किताब 'मानवता के रहबर' किया रिलीज
धन धन साहिब श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को समर्पित समारोहों के तहत डीसी चौंक में हुए धार्मिक दीवान दौरान प्रसिद्ध जहां प्रसिद्ध कवि डा. रविदर सिंह मशरूर डा. सुखजिदर कौर डा. सुदेश कुमारी व प्रो. हरजीत सिंह अशक ने अपनी धार्मिक रचनाओं व अक्षरों के साथ संगत को गुरुबाणी इतिहास से अवगत करवाया।
संवाद सहयोगी, कपूरथला : श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशपर्व को समर्पित समारोहों के तहत डीसी चौक में हुए धार्मिक दीवान के दौरान कवि डॉ. रविदर सिंह मशरूर, डॉ. सुखजिदर कौर, डॉ. सुदेश कुमारी व प्रो. हरजीत सिंह अशक ने अपनी धार्मिक रचनाओं व अक्षरों के साथ संगत को गुरबाणी इतिहास से अवगत करवाया। अंतराष्ट्रीय कवि व लेखक डॉ. इंद्रजीत वासू की नव प्रकाशित किताब मानवता के रहबर संबंधी जानकारी दी। जत्थेदार जसविदर सिंह बत्तरा व सुखविदर मोहन सिंह भाटिया ने बताया कि किताब के अंदर छुपे अक्षर ज्ञान के गुरु पातशाह के जीवन के प्रत्येक पहलू को छूते हैं। उपदेशों को जीवन की ढाल बनाकर, आधार बनाकर सार्थक जीवन जीने की शिक्षा है। उन्होंने बताया कि डॉ. इंद्रजीत सिंह वासू ने पहले भी दस किताबें लिखी है, जो सिख धर्म व फलसफे संबंधित ज्ञान बांट रही है। इस मौके पर जत्थेदार जरनैल सिंह डोगरांवाल ने भी किताब अंदर दर्ज सिख जीवन जांच व श्री गुरु नानक देव जी अनंत शख्शियत है के शैली बाबत विचार पेश किए। वहीं स्टेज सचिव की भूमिका प्रगट सिंह ने बाखूबी निभाई। इस अवसर पर जसपाल सिंह खुराना, तरविदर मोहन सिंह भाटिया, अमरजीत सिंह सैदोवाल, सरदूल सिंह सरपंच, अमरजीत सिंह सडाना, जसप्रीत सिंह सचदेवा, सुरजीत सिंह विक्की, हरबंस सिंह, साधू सिंह, परमजीत सिंह शेखूपुर व अन्य उपस्थित थे।